राजस्थान में बड़ा भर्ती घोटाला, फेल अभ्यर्थियों को दे दी नौकरी
जयपुर। राजस्थान में टैक्स असिस्टेंट भर्ती घोटाला सामने आया है। विभाग ने गुपचुप तरीके से नियम बदल 304 फेल अभ्यर्थियों को कर साहयक के पोस्ट पर भर्ती कर लिया। वर्ष 2011 में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा 443 पदों पर कर सहायक की रिक्तियां निकाली थीं। जब इन पदों के लिए परीक्षा हुई तो केवल 139 अभ्यर्थी ही पास हुए। इसके बाद वाणिज्यित विभाग ने आरपीएससी के जवाब का इंतजार किए बिना ही नियम बदल डाले और फेल किए गए 304 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी। इसका खुला आरटीआई में हुआ।
ऐसे हुआ घोटाला
दरअसल पुराने नियम के हिसाब से प्रथम चरण में होने वाले दो पेपर में से न्यूनतम 80 अंक हासिल करने वाला अभ्यार्थी ही दूसरे चरण की परीक्षा में शामिल किया जाना था। लेकिन प्रथम चरण की परीक्षा में मात्र 139 अभ्यर्थी ही पास हो पाए। विभाग के सामने संकट यह था कि 443 की तुलना में तीन गुणा यानी 1329 अभ्यर्थियों को दूसरे चरण के लिए बुलाने थे।
आरटीआई से हुआ खुलासा
ऐसे में विभाग ने आरपीएससी के अनुमति के बिना ही नियमों परिवर्तन कर। गुपचुप न्यूनतम अंकों की सीमा समाप्त कर फेल अभ्यर्थियों में से ही कुल 1190 अभ्यर्थियों का चयन कर लिया। फिर 1329 को दूसरे चरण के लिए बुलाया गया और अंत में 443 को नियुक्ति दे दी गई। इस मामले के खुलासा तब हुआ जब कुछ अभ्यर्थियों ने सूचना के अधिकार के तहत राजस्थान लोक सेवा आयोग से इस भर्ती के संबंध में जानकारी मांगी थी।
ये थे पुराने नियम
आपको बता दें कि वाणिज्यिक कर विभाग ने 2009 के बजट में घोषणा कर 554 कर सहायकों की भर्ती निकाली थी। इनमें 20 फीसदी यानी 111 पद विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए आवंटित किए गए, जबकि बाकी 443 पद अभ्यर्थियों से भरे जाने थे। नियम यह रखा गया कि प्रथम चरण में होने वाले दो पेपर में 200 में से न्यूनतम (40 फीसदी) 80 अंक हासिल करने पर ही उसे दूसरे चरण में होने वाली कंप्यूटर पात्रता परीक्षा में शामिल किया जाना था।