खाटू मेला 2021 : बाबा श्याम को चढ़ाया Surajgarh Nishan, देखें 373 साल पुरानी परम्परा का वीडियो
खाटूश्यामजी। राजस्थान के सीकर जिले के खाटूश्यामजी में बाबा श्याम का फाल्गुन लक्खी मेला 2021 जारी है। 27 मार्च को खाटू मेला का आखिरी दिन है। अब तक लाखों भक्त बाबा श्याम के दरबार में हाजिरी लगाई।
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कोरोना गाइडलाइन के तहत आयोजित हो रहे खाटू मेले में निशान, अस्थायी दुकानों समेत कई तरह की पाबंदिया रहीं, मगर द्वादशी को बाबा श्याम को सूरजगढ़ का निशान चढ़ाया गया। खाटूश्यामजी में सूरजगढ़ का निशान चढ़ाए जाने की परम्परा 373 साल से निभाई जा रही है।
दरअसल, यूं तो बाबा श्याम के वार्षिक लक्खी मेले में लाखों निशान बाबा के अर्पित होते हैं, लेकिन एक मात्र सूरजगढ़ का ही ऐसा निशान है, जो वर्ष पर्यंत खाटूश्यामजी मंदिर के शिखर पर लहराता है। सूरजगढ़ का जत्था ही एक ऐसा जत्था है, जिसमें राजस्थान के झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ कस्बे से लोग नाचते-गाते करीब 150 किलोमीटर का सफर पैदल तय करते हैं। वापस भी पैदल ही जाते हैं। खाटूश्यामजी थाना प्रभारी पूजा पूनिया ने सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाते हुए सूरजगढ़ का निशान बाबा शिखर पर चढ़वाया।
खाटूश्यामजी में सूरजगढ़ का निशान क्यों चढ़ाया जाता है?
किदवंती है कि करीब 350 साल पहले बाबा श्याम के मंदिर में निशान चढ़ाने आए श्याम भक्तों में होड़ मच गई थी कि उनका निशान बाबा श्याम के शिखर पर लगे। फिर सहमति बनी कि जो श्याम भक्त बंद खाटूश्यामजी मंदिर का ताला मोर छड़ी ( मोर पंख ) से खोलेगा। उसी का निशान खाटू मंदिर के शिखर पर चढ़ेगा।
तब सूरजगढ़ से निशान लेकर पहुंचे श्याम भक्त मंगलाराम मोर छड़ी से खाटूश्यामजी मंदिर का ताला खोलने में सफल रहे थे उसके बाद से खाटूश्यामजी मंदिर के शिखर पर सूरजगढ़ का ही निशान चढ़ता आ रहा है। मंगलाराम के निधन के बाद उनके परिवार व सूरजगढ़ के लोग इस परम्परा को निभा रहे हैं।