राजपूत दूल्हे ने लौटाया 21 लाख का दहेज, दुल्हन के पिता की भर आई आंखें, देखें VIDEO
Chittorgarh News, चित्तौड़गढ़. सरकारी नौकरी लगे दूल्हे को लाखों का दहेज मिलने और दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर एनवक्त पर शादी टूटने के मामलों के बीच यह बेहद सुखद खबर है। एक राजपूत दूल्हे और उसके परिवार बिना दहेज की शादी के समाज के सामने मिसाल पेश की है। यह मामला राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के प्रताप नगर का है। बारात पाली से आई थी। बिना दहेज की इस शादी की सब तरफ सराहना हो रही है।
चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) के प्रताप नगर निवासी गणपत सिंह पंवार की बेटी नीतू कंवर बिरला अस्पताल में चिकित्सक हैं। इनकी शादी राजस्थान के पाली जिले के सीरीयारी सीएचसी के डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह के साथ तय हुई। मंगलवार को पाली जिले के सोजत के गुढा रामसिंह से बारात चित्तौड़गढ़ के बड़ी का खेड़ा पहुंची। शादी की सारी रस्में हुई और फिर बात दहेज की आई तो दूल्हे (Rajput Dulha) और उसके परिवार ने साफ इनकार कर दिया। टीके में बतौर दहेज दिए गए 21 लाख रुपए भी दूल्हे के परिवार ने लेने से मना कर दिया था। शगुन के तौर पर सिर्फ एक रुपया लिया।
समाज में देना चाहते थे अच्छा संदेश
गांव बगड़ी निवासी डॉक्टर पुष्पेंद्र सिंह के पिता जालम सिंह ने बताया कि मेरे लिए यह सबसे खुशनसीब दिन है कि मेरे बेटे की शादी के जरिए समाज में अच्छा संदेश दे पाया हूं। लग्ने टीके में बतौर दहेज 21 लाख रुपए दिए गए, जिन्हें लेने से मना कर दिया। हमारे परिवार ने शादी से पहले ही तय कर लिया था कि बेटा सरकारी नौकरी लगा हुआ तो क्या हुआ? हम बिना दहेज की शादी करके उन लोगों के सामने मिसाल पेश करेंगे, जो दहेज में अच्छी खासी रकम नहीं मिलने पर शादी तक तोड़ देते हैं।
रुंध गया दुल्हन के पिता का गला
दुल्हन के पिता गणपत सिंह पंवार पेशे से ठेकेदार का कार्य करते हैं। बिना दहेज की इस शादी की चर्चा करते हुए गणपत सिंह की आंखें भर आई। गला रुंध गया। गणपत सिंह की मानें तो उन्होंने कल्पना भी नहीं कि थी कि दहेज के लिए बेटियों को बलि चढ़ा देने वाले इस माहौल ऐसे अच्छे समधि मिलेंगे, जो बिना दहेज के शादी करेंगे।
लड़का-लड़की समान हैं- Dulha Pushpendra singh
दूल्हे पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि शादी में दहेज नहीं लेने की प्रेरणा व संस्कार अपने परिवार से मिली है। मेरा मानना है कि लड़का और लड़की समान है। हर क्षेत्र में दोनों बराबर आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए लड़की के परिजन लड़के वाले का दहेज क्यों दें। ये कुरीतिया लम्बे समय से चली आ रही है। अगर लड़के वाले चाहें तो इस कुप्रथा को बदल सकते हैं। इसके लिए बेटा-बेटी के प्रति मानसिकता बदलने की जरूरत है।
दूल्हे ने ससुर के सामने जोड़ लिए हाथ
गुरुवार दोपहर को तिलक की रस्म हुई थी, जिसमें दुल्हन के पिता ने 21.11 लाख रुपए और जेवरात से सजा थाल दूल्हे को भेंट करना चाहा तो दूल्हे ने ससुर के सामने हाथ जोड़ लिए तथा दहेज लेने से साफ इनकार कर दिया। एक बारगी तो सबको लगा कि दूल्हा सरकारी नौकरी में है। इसलिए ज्यादा दहेज चाह रहा होगा, मगर फिर दूल्हे डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह और उनके परिवार ने दहेज नहीं लेने के बारे में बताया तो हर कोई इस परिवार के फैसले की तारीफ करता नजर आया।
वहीं दुल्हन नीतू कंवर के चाचा अमर सिंह पंवार राजस्थान पुलिस में एएसआई हैं। कोतवाली थाने में तैनात एएसआई अमर सिंह पंवार ने कहा कि दूल्हे और समधि परिवार के इस फैसले का हम सम्मान करते हैं और हमें इस गर्व भी है। हम भी अपने परिवार में दहेज नहीं लेने की परम्परा शुरू करेंगे।