राजस्थान : हैलो ! मैं कोरोना का मरीज बोल रहा हूं...एक फोन कॉल से पुलिस कंट्रोल रूम में मचा हड़कंप
धौलपुर। राजस्थान के धौलपुर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में उस वक्त हड़कंप मच गया। जब एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़के ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर खुद को कोरेना वायरस से पीड़ित बता दिया।
गांव महू गुलावली से आया फोन
मामले की खबर पाकर मेडिकल टीम, पुलिस प्रशासन और उपखंड प्रशासन के अधिकारी बसेड़ी थाना इलाके के गांव महू गुलावली पहुंच गए। वहां से नाबालिग और उसके परिजनों को मेडिकल टीम अपने साथ लेकर आई। टीम ने सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया, जिसमें कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हो पाई।
परिजनों को पुलिस ने किया पाबंद
मामले की छानबीन करने पर पता चला कि नाबालिग मंदबुद्धि है। उसने कोरोना की अफवाह फैलाने के पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर पर कॉल कर दिया था। इस पर पुलिस ने उसके परिजनों को पाबंद कर नाबालिग को परिजनों को सुपुर्द कर दिया है।
पिता से हुआ था झगड़ा
बसेड़ी थाना प्रभारी लल्लू राम मीणा ने बताया कि धौलपुर बसेड़ी थाना क्षेत्र के गांव महू गुलावली निवासी 16 वर्षीय नाबालिग लड़के का अपने पिता से किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। पिता से झगड़ा होने पर लड़के ने जिला मुख्यालय स्थित पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर दिया।
जिलेभर में फैल गई अफवाह
पुलिस कंट्रोल रूम को उसने बताया कि वह कोरोना वायरस से पीड़ित है। जैसे ही पुलिस कंट्रोल रूम को कोरोना वायरस के मरीज की खबर लगी तो हड़कंप मच गया। कोरोना वायरस मरीज की खबर जिलेभर में सनसनी बनकर फैल गई। जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग भी हरकत में आ गया।
टीम ने पूरे परिवार का स्वास्थ्य जांचा
बसेड़ी उपखंड प्रशासन के आला अधिकारी स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को लेकर गांव महू गुलावली पहुंच गए। पुलिस टीम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूरे परिवार को अपने कब्जे में ले लिया, जिन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए स्वास्थ्य केंद्र बसेड़ी पर पहुंचाया गया। चिकित्सकों की टीम ने सभी के नमूने लेकर स्वास्थ्य परीक्षण किए, लेकिन किसी भी व्यक्ति को कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई। तब जाकर प्रशासन और आमजन ने राहत की सांस ली। फिर पुलिस ने परिजनों को पाबंद कर 20 हजार के मुचलके पर रिहा किया है।
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