कोरोना का असर : भारत-पाक सीमा पर लौट आया पुराना जमाना, 15 ऊंटों पर सवार होकर पहुंची बारात
जैसलमेर, 3 मई। कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। संक्रमण के कारण जनजीवन पटरी से उतर आया है। सरकार ने भी कई तरह की सख्ती लगा रखी है। शादी समारोह भी कोरोना संक्रमण से अछूते नहीं है। ऐसे में कई मामलों में लोग परम्परागत तरीकों की तरफ लौट रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर में सामने आया है। यहां ऊंटों पर सवार बारात को देखकर कई दशक पुरानी यादें ताजा हो गई। दरअसल, राजस्थान सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण प्रदेश में अघोषित लॉकडाउन लगा रखा है। शादी समारोह में भी अधिकतम मेहमानों की संख्या तय कर रखी है।
जैसलमेर जिले के पोकरण इलाके के बांधेवा गांव में महेचो की ढाणी निवासी गणपत सिंह के पुत्र महीपालसिंह की शादी बाड़मेर जिले के केसुबला की रहने वाली युवती के साथ तय हुई। दूल्हे महिपाल के परिजनों और समाजसेवी आनंदसिंह राठौड़ ने बताया कि बाहर से आए मेहमानों की वजह से कोरोना संक्रमण न फैल जाए। इसके लिए महिपाल सिंह और उसके पिता ने विशेष सतर्कता बरतने का फैसला किया। साथ ही बारात में जाने के लिए कोई गाड़ी वाला भी तैयार नहीं हुआ।
राजस्थान में 17 मई तक रेड अलर्ट, कोरोना वायरस के कारण रोजाना 150 लोगों की मौत
ऐसे में महिपाल के परिजनों ने बारात घोड़े की जगह ऊंट पर ले जाने का फैसला किया। दूल्हे के साथ ही अन्य बाराती भी ऊंटों पर ही दुल्हन के घर पहुंचे. बारात के लिए 15 ऊंटों का इंतजाम किया गया। उन पर सवार होकर 30 बाराती दुल्हन के घर पहुंचे। एक ऊंट पर दो बाराती सवार हुए। इससे जहां बारात का परपंरागत स्वरूप सामने आया। वहीं, कोरोना प्रोटोकॉल की भी पालना की गई। ऊंटों पर महीपाल के परिजनों को महज 12 हजार रुपए खर्च करने पड़े। करीब 50 साल बाद इलाके में ऊंटों पर निकली बारात को देखकर बुजुर्गों को अपनी शादी की यादें ताजा हो गईं।