एक ही परिवार की 8 बेटियां बनीं नेशनल प्लेयर, 5 राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल, पिता हैं चरवाहा
जयपुर। 'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के?' फिल्म दंगल का यह डायलॉग हरियाणा के महावीर फोगाट के परिवार के साथ-साथ राजस्थान के चूरू जिले के राजगढ़ उपखंड क्षेत्र के गांव मुंदीताल के कोठारी (चौधरी) परिवार पर भी सटीक बैठता है। इस अकेले परिवार की आठ बेटियों ने एथलेक्टिस में नाम कमाया है। तीन भाइयों की इन आठ बेटियों ने खेत को खेल मैदान बनाकर वो कमाल कर दिखाया जो बेटे भी नहीं कर सके।
5 बहनें राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में गांव मुंदीताल के पूर्व सरपंच राजकुमार बेनीवाल और शिशुपाल के बेटे अशोक ने बयां की बेटियों की कामयाबी की पूरी कहानी। राजकुमार बेनीवाल की मानें तो मुंदीताल गांव में यह इकलौता परिवार है, जिसकी आठ बेटियों ने खेलों में नाम कमाया और इनमें से अधिकांश सरकारी नौकरी भी लग गई।
तीस से अधिक स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी है सरोज
1. सरोज पुत्री देवकरण कोठारी (चौधरी) : बीएससी डिग्री धारक सरोज चौधरी स्टेट लेवल की प्रतियोगिताओं के तीस से अधिक स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी है। वर्ष 2011 से लगातार खेलों में सक्रिय सरोज वर्तमान में राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल पद पर सेवाएं दे रही है।
नेशनल लेवल की एथलेक्टिस रह चुकी है सुमन
2. सुमन पुत्री देवकरण कोठारी (चौधरी) : सरोज की बड़ी बहन सुमन एमए प्रवेश तक की पढ़ाई की है। नेशनल लेवल की एथलेक्टिस रह चुकी है।
कमलेश ने स्टेट लेवल पर छह बार मेडल जीते
3. कमलेश पुत्री देवकरण कोठारी (चौधरी) : बीए तक पढ़ाई करने वाली कमलेश चौधरी नेशनल और स्टेट लेवल पर खेल चुकी है। स्टेट लेवल पर छह बार मेडल जीते हैं। वर्तमान में राजस्थान पुलिस में बतौर कांस्टेबल जयपुर में कार्यरत है।
कैलाश कुमारी CID CB में कांस्टेबल
4. कैलाश कुमारी पुत्री शिशुपाल कोठारी (चौधरी) : देवकरण के भाई शिशुपाल की बेटी कैलाश कुमारी भी नेशनल स्तर पर खेल चुकी है। नेशनल एथलीट कैलाश कुमारी ने बीए तक की शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में सीआईडी सीबी जयपुर में बतौर कांस्टेबल कार्यरत है।
सुदेश जयपुर पुलिस में कांस्टेबल
5. सुदेश पुत्री शिशुपाल कोठारी (चौधरी) : सुदेश चौधरी भी अन्य एथलीट बहनों के नक्शे कदम पर चल रही है। बीए तक शिक्षित सुदेश स्टेट लेवल की एथलेक्टिस प्रतियोतिओं में कमाल दिखा चुकी है। फिलहाल जयपुर पुलिस में कांस्टेबल के रूप में कार्यरत है।
स्टेट लेवल पर बीस पदक जीत चुकी है निशा
6. निशा पुत्री शिशुपाल कोठारी (चौधरी) : बीएससी तक पढ़ी लिखी निशा चौधरी ने नेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है। स्टेट लेवल पर बीस पदक जीत चुकी है।
पूजा ने जीते पांच मेडल
7. पूजा पुत्री शिशुपाल कोठारी (चौधरी) : पूजा ने बीए किया है। स्टेट लेवल की एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में पांच मेडल अपने नाम किए हैं।
सुमित्रा आरएसी में कांस्टेबल
8. सुमित्रा पुत्री रामस्वरूप कोठारी (चौधरी) : स्टेट लेवल की एथलेक्टिस सुमित्रा ने बीएड कर रखा है। दो पदक जीत चुकी हैं। फिलहाल आरएसी में कांस्टेबल के पद पर सेवाएं दे रही है।
खुद पीछे रहे तो बेटियों को आगे बढ़ाया
मीडिया से बातचीत में शिशुपाल चौधरी (कोठारी) बताते हैं कि वे खुद भी नेशनल लेवल पर खेल चुके हैं। 1984 में दौड़ की नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। उस समय शिशुपाल द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण ना आगे की पढ़ाई पूरी कर सके और ना ही एथलीट में आगे बढ़ पाए। फिर खेतीबाड़ी करने लगे और खुद व भाई की बेटियों को एथलेक्टिस में आगे बढ़ाने का फैसला लिया।
6-7 वर्ष की उम्र से करवाने लगे तैयारी
वर्षों पहले शिशुपाल का ख्वाब अधूरा रहा तो उन्होंने खुद की पांच, छोटे भाई देवकरण की दो और सबसे छोटे भाई रामस्वरूप की एक बेटी को खेल मैदान में उतारा। उन्हें 6-7 साल की उम्र से एथलीट की तैयारी करवाने लगे। खेत में चार सौ मीटर का अस्थायी ट्रैक भी बनाया।
सरोज बनीं प्रदेश की बेस्ट एथलीट
चूरू के इस चौधरी परिवार की आठों बहनों में से सरोज का खेल गजब का रहा। सरोज के पिता देवकरण चरवाहा हैं। गांव में खेतिबाड़ी के साथ भेड़-बकरियां चराते हैं। विभिन्न प्रतियोगिताओं में 30 से ज्यादा गोल्ड पदक जीतने वाले सरोज राजस्थान की बेस्ट एथलीट भी चुनी जा चुकी है। 2018 में राजस्थान पुलिस में भर्ती हो गई।