पाक की ओर से आने वाले 'घुसपैठियों' को रोकने के लिए चूरू में 'अलर्ट', स्पेशल मशीनें तैयार, देखें VIDEO
Churu news in Hindi, चूरू। प्रदेश में 26 साल बाद एक बार फिर से बड़े स्तर पर पाकिस्तान की तरफ से रेगिस्तानी टिड्डी दल ने घुसपैठ कर हमला किया है। टिड्डी के हमले को लेकर चूरू जिलामुख्यालय स्थित केन्द्रीय टिड्डी विभाग की टीम को अलर्ट कर दिया गया है। इस टीम ने पिछले दो दिन में सरदारशहर, सुजानगढ़, चूरू, तारानगर इलाकों में सर्वे भी किया।
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( Tiddi Dal Attack in Rajasthan ) चूरू स्थित टिड्डी कार्यालय के अधिकारियों द्वारा जिले में राजस्व व कृषि अधिकारियों से सर्म्पक कर मिनट टू मिनट जानकारियां ली जा रही है। जानकारों का मानना है कि चूरू में कभी भी टिड्डी का अटैक हो सकता है, चूंकि चूरू भी पश्चिमी राजस्थान क्षेत्र में आता है और हवा की रफ्तार बढ़ते ही टिड्डी बीकानेर व चूरू में भी पहुंच सकती है। क्योंकि यह टिड्डियाँ हवा की दिशा और वेग के साथ तेजी से आगे बढ़ती हैं। विभाग के मुताबिक 1993 में चूरू जिले में टिड्डी का अटैक हुआ था। सरदारशहर क्षेत्र इससे काफी प्रभावित हुआ था।
जिला मुख्यालय स्थिति केन्द्रीय टिड्डी नियंत्रण कार्यालय में टिड्डी से निपटने के लिए एक माइक्रो निपर, एक अलवा मास्ट व दो माइक्रो अलवा मशीन उपलब्ध है। इसमें सबसे घातक माइक्रो निपर मशीन है। यह मशीन जनरेटर से चलती है और 50 फीट ऊँचाई तक टिड्डियों को मार गिराने में सक्षम है। इसके अलवा सतह पर इसकी मारक क्षमता करीब 300 फीट है। इसे कैम्पर जीप में रखकर उपयोग किया जाता है।
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वहीं अलवा मास्ट भी सतह पर 30 फीट दूरी तक टिड्डी को मार गिराने में सक्षम है। इसी प्रकार माइक्रो अलवा को छोटी झाड़ियों व छोटे पौधों पर बैठी टिड्डी को मारने के काम में लिया जाता है। इन मशीनों और अनुभवी टीम के दम पर टिड्डी के पहुंचने के बाद एक घंटे में इनको नष्ट करने का दावा विभाग द्वारा किया जा रहा है। टिड्डी को मारने के लिए मैलाथियान केमिकल का भी भंडारण किया गया है।
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चूरू जिला कलक्टर संदेश नायक ने बताया कि प्रदेश में टिड्डी के अटैक को देखते हुए चूरू स्थित केन्द्रीय टिड्डी नियंत्रण कार्यालय के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। उन्हें मशीन व केमिकल आदि का भंडारण सुनिश्चत करने व निगरानी रखने का निर्देश दिए हैं। क्षेत्र के तहसीलदारों व पटवारियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। हालांकि अभी तक कहीं पर टिड्डी की कोई सूचना नहीं मिली है। फिलहाल राजस्थान में जैसलमेर, जोधपुर व इनके आस-पास लगते जिलों में टिड्डी दल देखा गया है।
150 किलोमीटर की गति से आगे बढ़ता है टिड्डी दल
टिड्डी एक छोटा सा कीट है, जो फसलों, पेड़ों को निशाना बनाता है। इस दल की सबसे खतरनाक बात यह है कि ये लाखों-करोड़ों की संख्या में एक साथ हमला करते हैं। वयस्क टिड्डी 150 किलोमीटर की गति से हवा की दिशा में उड़ सकता है। इसे हर दिन ताजा खाना खाना पसंद है। अपने वजन जितना खाता है। मौटे अनुमान के तौर पर बहुत छोटा टिड्डी दल भी रोजाना 35 हजार लोगों जितना भोजन चट कर सकता है।