रघुनंदन भाटिया: पंजाब की सियासत के 'पितामह' का निधन, 6 बार सांसद, 2 बार राज्यपाल और मंत्री रहे
अमृतसर। पंजाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुनंदन लाल भाटिया का निधन हो गया है। वह 100 वर्ष के थे। अमृतसर से वह छह बार सांसद रहे। शुक्रवार रात उन्होंने अमृतसर के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। परिवार के सदस्यों ने बताया कि, यहां उनका उपचार चल रहा था।
रघुनंदन भाटिया पंजाब की सियासत के 'भीष्म पितामह'
रघुनंदन भाटिया पंजाब की सियासत के 'भीष्म पितामह' माने जाते थे। पहली बार उन्होंने वर्ष 1972 में अमृतसर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता। फिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में 1980, 1985, 1992, 1996 और 1999 के चुनावों में भी उसी सीट से चुने गए।
2 बार राज्यपाल रहे
वर्ष 2004 से 2008 तक रघुनंदन भाटिया ने केरल के राज्यपाल और 2008 से 2009 तक बिहार के राज्यपाल के रूप में भी सियासी पारी खेली। रघुनंदन भाटिया के परिवार में उनके बेटे रमेश भाटिया, बेटी सरोज मुंजाल और छोटे भाई जेएल भाटिया हैं।
1992 में रघुनंदन भाटिया विदेश राज्य मंत्री भी रहे
वर्ष 1992 में रघुनंदन भाटिया ने विदेश राज्य मंत्री के रूप में सेवा दीं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ सदस्य के रूप में, उन्होंने पंजाब इकाई के अध्यक्ष और महासचिव के पद सहित पार्टी में विभिन्न पदों पर भी कार्य किया। उनके निधन पर पंजाब कांग्रेस के नेता और विधायक राज कुमार वेरका ने शोक व्यक्त किया और कहा कि, सियासत का एक पन्ना रिक्त हो गया।