पंजाब चुनाव के लिए आज हुआ तारीखों का ऐलान, जानिए 2017 में किस दल को मिलीं कितनी सीटें
चंडीगढ़। सिख-बहुल प्रदेश पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज ऐलान हुआ है। यहां पिछली बार के चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में कांग्रेस ने भाजपा-शिअद के गठबंधन को मात देते हुए सरकार बनाई थी। हालांकि, इस बार चुनावी चौसर अलग तरह की हैं, चूंकि एक तो कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ रहे हैं, दूसरे किसान संगठनों के आंदोलन का असर भी चुनाव पर साफ दिखेगा।
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यहां हम आपको विगत विधानसभा चुनाव की तस्वीर दिखा रहे हैं, जिससे आप जान सकेंगे कि किस पार्टी को कैसे जीत मिली।
कांग्रेस ने कब्जाईं 77 विधानसभा सीटें
2017 में पंजाब के चुनाव 4 फरवरी को हुए। उसके बाद 11 मार्च को मतगणना हुई। 15 मार्च को हार-जीत की तस्वीर साफ हो गई। कांग्रेस ने 77 सीटें जीतीं। कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी (आप) का दम दिखा, उसे यहां 20 सीटें मिलीं। जबकि, भाजपा के साथ 2012 का चुनाव जीतने वाली शिअद को 15 सीटों से संतोष करना पड़ा। सबसे बड़ा नुकसान भाजपा को हुआ। बीजेपी और एलआईपी को 5 सीटों से संतोष करना पड़ा।
पंजाब में 117 है सीटों का कुल आंकड़ा
इस राज्य में कुल 117 विधानसभा सीटें हैं। कांग्रेस ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा। वहीं, आम आदमी पार्टी ने 112 सीटों पर चुनाव लड़ा। लोकइंसाफ पार्टी ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे 2 सीटों पर जीत मिली। शिअद ने 94 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उसे 15 सीटें मिलीं। इसके अलावा भाजपा की यहां करारी हार हुई। भाजपा के प्रत्याशी 23 सीटों पर चुनाव लड़े थे। 3 सीटों पर जीत मिली।
कांग्रेस से अलग हुए अमरिंदर, चन्नी CM बने
2017 के चुनाव जीतने पर कांग्रेस पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री बनाया। साल 2020 में पार्टी में अंतर्रकलह हुई और अमरिंदर सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद वह पार्टी से भी अलग हो गए। उन्होंने अलग पार्टी बना ली। ऐसे समय में कांग्रेस नेतृत्व को चरणजीत सिंह चन्नी, जो कि एक दलित चेहरा हैं, को मुख्यमंत्री बना दिया। इस तरह अभी चन्नी मुख्यमंत्री हैं।