मंगेतर से मिल ड्यूटी पर लौटा था इस मां का इकलौता बेटा, 3 दिन बाद ही शहीद, अंगूठी से हुई पहचान
Pulwama terrorist attack News, रोपड़। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फिदायीन हमले में पंजाब के कुलविंदर भी शहीद हुए हैं। कुलविंदर सिंह जिला रूपनगर के आनंदपुर साहिब से सटे नुरपूर बेदी के गांव रौली के रहने वाले थे। इनके बारे में हृदय विदारक सच यह है कि कुछ महीनों बाद ही उनके सिर पर सेहरा बंधना था। वह अपनी मंगेतर से मिलकर बटालियन में लौटे थे, लेकिन उनके शहादत की खबर से सन्नाटा छा गया है।
बीमार मां का इकलौता बेटा शहीद हुआ, बुढ़ापे में कोई नहीं सहारा
कुलविंदर सिंह के गांव वाले बताते हैं कि वह अपने घर की गरीबी को दूर करने के लिए सेना में भर्ती हुआ था। उसके पिता ड्राइवरी करते थे। मां बीमार रहती हैं, बुढ़ापे में अब उनसे इकलौता बेटा भी छिन गया है।
इसी साल होनी थी शादी, 10 फरवरी को 10 दिन की छुट्टी के बाद लौटे थे
कुलविंदर 28 साल के थे और पिछले दिनों घर छुट्टी पर आये थे। आनंदपुर साहब के साथ लगते गांव लोदीपुर की युवती से कुलविंदर सिंह की मंगनी हुई। इसी साल अक्तूबर माह में शादी होने वाली थी। वह एक ही बार अपनी मंगेतर से मिल पाए।
मंगेतर के घर भी मातम पसरा
उसकी मंगेतर के घर वाले बताते हैं कि उसने हमारी बेटी से वायदा किया था कि श्रीनगर पहुंचते ही वह उसे फोन करेगा। लेकिन उसे क्या पता था कि शादी से पहले ही होने वाले पति को मौत अपने आगोश में ले लगी। शहादत की खबर से युवती के परिवार में भी मातम पसरा हुआ है।
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अंगूठी से हुई शव की पहचान
10 फरवरी को कुलविंदर घर से ड्यूटी पर लौटे, तब उन्होंने परिजनों को बताया था कि उनकी यूनिट अब कश्मीर जा रही है। इसके बाद 14 फरवरी, दोपहर 3:15 बजे पुलवामा में आत्मघाती हमला हो जाना उनकी ड्यूटी और जिंदगी का आखिरी दिन बन गया। ब्लास्ट से उनकी शरीर क्षत-विक्षित हो गया। अंगूठी से शव की पहचान हो पाई।
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