Republic Day Parade: कर्तव्य पथ पर इस बार नहीं दिखेंगी पंजाब की झांकी, केंद्र सरकार पर भड़की AAP
26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में इस बार 'पंजाब की झांकी' नजर नहीं आएगी। झांकी को खारिज करने पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार की आलोचना की है।
Republic Day Parade: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में इस बार 'पंजाब की झांकी' नजर नहीं आएगी। गणतंत्र परेड में पंजाब की झांकी को खारिज करने पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए तीखा हमला बोला है। आप नेता और पंजाब के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, 'पंजाब की झांकी को हमेशा गणतंत्र दिवस परेड में जगह मिलती थी। लेकिन, इस साल परेड में पंजाब की झांकी को जगह नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि केंद्र ने जानबूझकर राज्य को गणतंत्र दिवस परेड में झांकी पेश करने से रोक दिया है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, 'झांकी के माध्यम से राज्य अपने समृद्ध इतिहास, संस्कृति और विकास को पेश करता है। इस बार झांसी के माध्यम से देश के स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों के बलिदान से संबंधित इतिहास प्रस्तुत करना था।' लेकिन इस बार परेड में पंजाब की झांकी को जगह नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि केंद्र ने जानबूझकर राज्य को गणतंत्र दिवस परेड में झांकी पेश करने से रोक दिया है। कहा कि केंद्र पंजाब और दिल्ली में आप सरकारों के साथ भेदभाव कर रहा है।
पंजाब की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड़ के लिए कथित तौर पर 'खारिज' करने पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। राघव चड्ढा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'गणतंत्र दिवस हमें संघवाद की भावना की याद दिलाता है। गणतंत्र दिवस परेड के लिए पंजाब की झांकी की अस्वीकृति ने केंद्र की संघ-विरोधी और पक्षपातपूर्ण रवैये को उजागर कर दिया है। यह पंजाब की संस्कृति, परंपराओं और राष्ट्र के लिए अनगिनत योगदानों की केंद्र सरकार की ओर से कुंठित बर्खास्तगी है।'
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तो वहीं, शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी इस मामले को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। बादल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते लिखा, 'यह जानकर स्तब्ध हूं कि भारत सरकार ने 74वें गणतंत्र दिवस परेड के लिए पंजाब की झांकी खारिज कर दी। इसका अभिप्राय है कि हमें अपनी संस्कृति और स्वतंतत्रा संग्राम में योगदान को प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं दी गई। भारत सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने का आह्वान करता हूं।'