शवों को लेने के लिए निर्भया के दोषियों का परिवार पहुंचा अस्पताल, लिख कर देनी होगी ये बात
पटना। निर्भया कांड के सभी आरोपितों को दिल्ली के तिहाड़ जेल में शुक्रवार की सुबह साढ़े 5 बजे सात साल बाद फांसी हुई। हालांकि फांसी से एक दिन पहले गुरुवार को जिस तरह दिनभर और फिर आधी रात के बाद तक सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई चली, उसके बावजूद दोषियों के वकील फांसी की सजा को टाल नहीं सके और दोषियों को शुक्रवार सुबह फांसी दे दी गई। हालांकि उनके शव को लेकर संशय बना हुआ था वो खत्म हो गया है। दोषियों के परिजन अस्पताल पहुंच चुके हैं।
चारों के शवों का हुआ पोस्टमार्टम
तिहाड़ जेल के निदेशक संदीप गोयल ने चारों की जांच कर उन्हें मृत घोषित किया। फांसी के बाद चारों दोषी मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता की लाशों को तिहाड़ जेल से दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहां शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया। पोस्टमॉर्टम के बाद ही शवों को चारों के परिजनों को सौंपा जाएगा।
शव लेने के दौरान परिजनों को लिखनी होगी ये बात
दोषी अक्षय का परिवार दीनदयाल अस्पताल पहुंच चुका है। पोस्टमार्टम के बाद उन्हें अक्षय का शव सौंप दिया जाएगा। बता दें कि दोषियों के परिवार को शवों को लेने के दौरान यह लिखकर देना होगा कि वह लोग अंतिम संस्कार के दौरान कोई प्रदर्शन आदि नहीं करेंगे। सभी दोषियों के परिजन शवों को लेने अस्पताल पहुंच चुके हैं।
नियम का पालन न करने पर विनय को मिली थी 11 बार सजा
जेल में सात साल तीन महीने रहने के दौरान जेल में नियमों का पालन न करने के लिए विनय को 11 बार, पवन को आठ बार, मुकेश को तीन बार और अक्षय को एक ही बार सज़ा मिली थी। जेल में रहते हुए अक्षय ने 69 हजार रूपये , विनय ने 39 हजार रूपये और पवन ने 29 हजार रूपये कमाए थे। तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि निर्भया के दोषियों ने जेल में काम करके 1 लाख 37 हजार कमाए थे।
अक्षय ने कमाए थे 69 हजार रुपये
इसमें मुकेश ने कोई काम नहीं किया था, जबकि अक्षय ने 69 हजार रुपये, पवन ने 29 हजार रुपये और विनय ने 39 हजार रुपये कमाए थे। इन पैसों को उनके परिवार वालों को दिया जाएगा। इसके साथ ही चारों दोषियों के कपड़ों और सामान को भी परिवारवालों को सौंपा जाएगा।
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