...तो इन 5 वजहों से मुलायम ने छोड़ा जनता परिवार
पटना। बिहार विधान सभा चुनाव में मनमुताबिक सीटें न मिलने की वजह से जनता परिवार में दरार पड़ गई। पांच सीटें मिलने से नाराज समाजवादी पार्टी ने अलग से चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर जेडीयू और आरजेडी ने 100-100 सीटें और कांग्रेस ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
बाकी की बची हुई तीन सीटों पर जब एनसीपी ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया तो राजद सुप्रीमों लालू यादव के हिस्से की दो सीटें जोड़कर मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी को दे दी गईं। जिससे नाराज नेताजी ने परिवार से अलग होने का फैसला कर लिया। आपको उन 5 कारणों से रुबरु करवाते हैं जिनकी वजह से सपा परिवार से अलग हो गई...
इन वजह से टूटा जनता परिवार
बिहार चुनाव को लेकर जब सीटों का बंटवारा हुआ तो सपा से बात ही नहीं की गई। जब सीटों का बंटवारा हुआ तो सपा को महज पांच सीटें मिली जो उसके लिए दर्शक की भांति थी। ऐसे में सपा का मानना है कि पांच सीटों पर चुनाव लड़ने से पार्टी का कद घटेगा।
इन वजह से टूटा जनता परिवार
सपा का मानना है कि पांच सीटों पर लड़ने से उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी और सबसे बड़ी पार्टी की छवि को धक्का लगेगा।
तो इस वजह से टूटा परिवार
अगर सपा पांच सीटों पर चुनाव लड़ती तो जीत की उम्मीद और कम हो जाती। पिछली बार भी उसे खाली हाथ लौटना पड़ा था। ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय स्तर विस्तार की संभावनाओं को इससे कोई बल नहीं मिलेगा।
इसलिए टूटा जनता परिवार
समाजवादी पार्टी का बिहार में कोई जनाधार नहीं है। ऐसे में महज पांच सीटों पर चुनाव लड़कर जहां जीत की उम्मीद और कम हो जाती तो वहीं लालू के साथ जाने से सपा की छवि को नुकसान होता।
मुलायम जनता परिवार से अलग
ऐसे में सपा का मानना है कि बाहर से समर्थन दिया तो छवि और गठबंधन दोनों बचे रहेंगे। सपा की सेक्युलर छवि को कोई नुकसान नहीं होगा और साथ ही सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने का उसका दावा भी कायम रहेगा।