
गिलगित-बाल्टिस्तान को बेचकर पाकिस्तान को मिलेगा 19 हजार करोड़ का लोन! भारत के लिए होगी मुश्किल
इस्लामाबाद, 03 जुलाईः भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर खड़ा है। कई रिपोर्टों में लगातार यह दावे किए जा रहे हैं कि अगर फौरन कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए तो पाकिस्तान की हालत श्रीलंका जैसी हो सकती है। ऐसे में अपनी हालत सुधारने के लिए पाकिस्तान, गिलगित और बाल्टिस्तान इलाके को चीन के हवाले करने जा रहा है। अपनी माली हालत को सुधारने के लिए पाकिस्तान ने इसकी तैयारी कर ली है। इसके बदले उसे चीन से 19 हजार करोड़ का नया कर्ज हासिल होने वाला है।

19 हजार करोड़ का मिलेगा लोग
चाइना टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को चीन से 19 हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने मिलने जा रहा है। इसके बदले उसे गिलगित और बाल्टिस्तान इलाकों को चीन को सौंपने होंगे। बतादें कि गिलगित और बाल्टिस्तान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का इलाका है। जिस पर लंबे समय से भारत अपना दावा जताता रहा है।

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म होने के कगार पर आ चुका है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक से भी पाकिस्तान को 90 हजार करोड़ रुपये की मदद मिलने की अब कोई उम्मीद नहीं रह गई है। ऐसे में अब पाकिस्तान अपनी सरकारी संपत्तियों और इलाकों को गिरवी रख रहा है।

लीज पर सौंपने का मिला अधिकार
पाकिस्तान ने गिलगित, बाल्टिस्तान और POK के 52 कानूनों को अपने हाथ में ले लिया है। इसके मुताबिक सरकार को वहां की भूमि को किसी भी देश को लीज पर सौंपने का अधिकार मिल गया है। इससे पहले 2018 में पाकिस्तान सरकार ने गिलगित, बाल्टिस्तान और पीओके को और अधिकार देने का ऐलान किया था। गिलगित और बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद खान ने पाकिस्तान सरकार पर 30 अरब रुपये की सहायता को मात्र 12 अरब रुपये करने का आरोप भी लगाया है।

ड्रैगन को होगा फायदा
गिलगित-बाल्टिस्तान, कश्मीर का सबसे उत्तरी भाग है जो चीन की सीमा को छूता है। इस क्षेत्र पर आजादी के बाद से ही पाकिस्तान का अवैध कब्जा है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को चीन को सौंपता है तो यह ड्रैगन के लिए वरदान साबित होगा। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस इलाके को चीन के हवाले करने बाद मिली रकम से पाकिस्तान मौजूदा आर्थिक संकट से निपट सकता है। हालांकि इससे स्थानीय लोगों का गुस्सा सरकार को झेलना पड़ सकता है।

घट रही गिलगित की आबादी
बतादें कि गिलगित-बाल्टिस्तान की आबादी लगातार घट रही है क्योंकि यहां के लोग पलायन करने को मजबूर हैं। एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में होने वाली आत्महत्याओं में से नौ फीसद गिलगित-बाल्टिस्तान में होती हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान में औसतन दो घंटे बिजली मिलती है क्योंकि यह पाकिस्तान के राष्ट्रीय ग्रिड का हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही गिलगित-बाल्टिस्तान का जल विद्युत या अन्य संसाधनों पर कोई नियंत्रण नहीं है।

बड़े पैमाने पर खुदाई कर रहा चीन
पाकिस्तान को मिले इतने भारी-भरकम लोन के बदले चीन, गिलगित-बाल्टिस्तान के हुंजा इलाके में नियोबिम की बड़े पैमाने पर खुदाई कर रहा है। हुंजा में माणिक-मोती और कोयले के 120 लाख मीट्रिक टन के भंडार हैं। चीन को हुंजा में बड़ी जमीन लीज पर मिली हुई है। हाल ही में यहां के स्थानीय लोगों ने चीन को लीज जारी किए जाने के विरोध में भारी प्रदर्शन भी किया था।
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