पाकिस्तान के पीएम इमरान खान बोले, दोस्ती के प्रस्ताव को हमारी कमजोरी समझने की भूल न करे भारत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनकी तरफ से बातचीत के जरिए दोस्ती का जो हाथ भारत की तरफ बढ़ाया गया था, उसे उसकी कमजोरी न समझा जाए। पिछले दिनों भारत ने पाकिस्तान के साथ न्यूयॉर्क में होने वाली विदेश मंत्री स्तर की वार्ता को रद्द कर दिया। इसके बाद इमरान ने भारत पर कड़ी टिप्पणी करते हुए इसे एक ऐसा फैसला करार दिया जो 'घमंड से भरा हुआ था और जिसे छोटे लोगों' की ओर से लिया गया था। पिछले गुरुवार को इमरान खान की पीएम मोदी को लिखी वह चिट्ठी सामने आई थी जिसमें उन्होंने रुकी हुई शांति वार्ता को दोबारा शुरू करने की अपील की थी। लेकिन भारत ने जम्मू कश्मीर के वर्तमान हालातों के लिए पाक को जिम्मेदार बताते हुए वार्ता को रद्द कर दिया था।
किसी के आगे नहीं झुकेंगे
इमरान ने पंजाब से आए ब्यूरोक्रेट्स से बात करते हुए कहा, 'मुझे उम्मीद है कि भारत का नेतृत्व अपना घमंड छोड़ेगा और पाकिस्तान के साथ वार्ता के लिए तैयार होगा।' उन्होंने आगे कहा, 'हमारी तरफ से दोस्ती की पेशकश को हमारी कमजोर नहीं समझना चाहिए। भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती गरीबी को हटाने में मदद करेगी।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को डरना नहीं चाहिए क्योंकि यह किसी भी तरह दबाव बर्दाश्त नहीं करेगा और न ही किसी भी वर्ल्ड पावर के आगे झुकेगा। खान का यह बयान तब आया है जब विपक्ष ने उन्हें शांति वार्ता के लिए बहुत ज्यादा व्याकुल होने का दोषी ठहराया है।
सेना ने दी भारत को जवाब देने की धमकी
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की उपाध्यक्ष शेरी रहमान की मानें तो सरकार को भारत के सामने वार्ता का प्रस्ताव रखने से पहले अपना होमवर्क कर लेना चाहिए। वहीं शनिवार को इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि पाकिस्तान परमाणु ताकत से लैस देश है और शांति के लिए इसकी ख्वाहिश को इसकी कमजोरी समझने की भूल हरगिज न की जाए। अगर कोई पाकिस्तान के धैर्य को परखने की कोशिश करेगा तो उसे जवाब दिया जाएगा। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि मुद्दों से भागने से वे गायब नहीं हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत का वर्तमान रवैया जम्मू कश्मीर के हालातों को बेहतर नहीं करेगा।
इमरान ने कहा था छोटे लोग
इमरान ने लिखा, 'भारत की ओर से उनकी तरफ से शांति वार्ता की अपील का घमंड से भरा और नकारात्मक जवाब दिया गया है, इस बात मैं काफी निराश हूं। लेकिन अपनी पूरी जिंदगी में मैं ऐसे छोटे लोगों के संपर्क में आया हूं जो महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं और जिनके पास आगे की तरफ देखने की क्षमता ही नहीं है।' सुषमा और कुरैशी की मुलाकात 27 सितंबर को न्यूयॉर्क में होनी तय होती थी। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को वार्ता कैंसिल करने से जुड़ा आधिकारिक बयान जारी किया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि 'पाकिस्तान का एक खराब एजेंडा सामने आ गया है और साथ ही इमरान खान का भी असली चेहरा अब दुनिया के सामने आ गया है।'