सेना के आगे बेबस पाकिस्तान के पीएम इमरान खान, बोले कोई और मेरी जगह होता तो हार्ट अटैक से मर जाता
न्यूयॉर्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर बहुत प्रेशर है, यह बात सबको मालूम है लेकिन अब उन्होंने अपनी इस तकलीफ को भी बयां कर दिया है। इमरान ने मंगलवार को एक रिपोर्टर की तरफ से पूछे गए सवाल में यहां तक कह डाला कि अगर वह उनकी जगह होतीं तो शायद अब तक हार्ट अटैक से मर गई होतीं। भले ही इमरान ने यह बात मजाक में कही हो लेकिन इस टिप्पणी से उनकी वर्तमान स्थिति का पता भी चल जाता है। पाकिस्तान मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इमरान न्यूयॉर्क के काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर) में बोल रहे थे। इस थिंक टैंक के साथ बातचीत करते हुए इमरान ने भारत, अफगानिस्तान और दूसरे पड़ोसी देशों के साथ पाक के रिश्तों पर खुलकर बात की।
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पीएम बनते ही आर्थिक संकट
इस बातचीत के दौरान इमरान ने कहा, 'आप तो जानती हैं कि एक इंसान जिसने 13 माह पहले ही पाक की सत्ता संभाली हो, उसके सामने सबसे बड़ा आर्थिक संकट चुनौती के तौर पर आ जाता है। हमारे सामने अफगानिस्तान की तरफ से समस्याएं हैं, उन्हें सुलझाने की कोशिशें कर रहे हैं। हम इस बात को लेकर परेशान हैं कि ईरान के साथ क्या होगा और सऊदी अरब और अमेरिका के साथ भी यही परेशानी है। एक तरफ ईरान का बॉर्डर, एक तरफ अफगानिस्तान का और अब भारत भी। मुझे लगता है कि अभी मेरे सामने बहुत कुछ है। आप क्या करतीं अगर आप मेरी जगह होतीं। आपको तो अब तक हार्ट अटैक ही आ जाता।'
बस चीन से थोड़ा सहारा
इमरान खान ने हांलाकि इस वार्ता के दौरान चीन की तरफ से मिल रहे समर्थन की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा, 'अगर उनके पास आज चीन की सरकार की तरह शासन का मॉडल होता तो वह करोड़ों लोगों को गरीबी से निकाल चुके होते। खान ने कहा, 'सिर्फ उतना ही नहीं, जिस तरह से चीन ने भ्रष्टाचार दूर किया, वह भी अपने आप में उदाहरण है। दुर्भाग्य से मैं उस तरह का कुछ पाकिस्तान में नहीं कर सकता।' इमरान ने बताया कि पिछले पांच सालों में चीन ने 550 मंत्री स्तर के लोगों को भ्रष्टाचार के चलते जेल में डाला। काश मैं भी अपने देश में ऐसा कुछ कर सकता।'
मिशन कश्मीर भी हुआ फेल
इमरान खान ने इस बाता को भी स्वीकार किया है कि उनका 'मिशन कश्मीर' पूरी तरह से फेल हो चुका है। इमरान ने मंगलवार को अपनी हार स्वीकार की और कहा कि कश्मीर पर उन्होंने भारत पर दबाव बनाने का जो कैंपेन शुरू किया था वह पूरी तरह से फेल हो गया है। वह इस बात को लेकर खासे निराश है कि इस कैंपेन को बहुत कम प्रतिक्रिया मिली। इमरान ने इसके पीछे भारत की एक अरब की आबादी वाले बाजार की अपील को और कश्मीरियों के मुसलमान होने को दोष दिया है। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसलिए भी खामोश है क्योंकि भारत एक अरब लोगों का बाजार है और दुख की बात है मानवता से पहले इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है। इमरान और उनके प्रतिनिधिमंडल ने हर मंच पर कश्मीर का मसला उठाया है। इमरान की मानें तो जो कुछ हो सकता था वह सब किया गया है।
अमेरिका का साथ देने को बताया गलती
इमरान ने इसी कार्यक्रम में में पूछे गए एक सवाल के जवाब कहा कि 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के साथ देना, उनके देश की सबसे बड़ी गलती थी। इमरान ने कहा है, 'हम भारत पर हमला नहीं कर सकते हैं और यह कोई विकल्प नहीं है। निश्चित तौर पर इस विकल्प के सभी बातों पर गौर किया जा रहा है।' ट्रंप से मुलाकात के दौरान इमरान ने एक बार फिर उनसे अपील की कि वह उनकी समस्याओं को सुलझाने में मदद करें।