मुशर्रफ की 'गंदी जुबान': लश्कर के आतंकियों को बताया देशभक्त कहा- मैं उनका सबसे बड़ा समर्थक
कराची। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने एक बार फिर आतंकवाद के हक में बात की है। जी हां मुशर्रफ ने खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा का समर्थन करने की बात कही है। मुशर्रफ ने शनिवार को कहा कि वह इस्लामाबाद की सुरक्षा के लिए लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं। एक न्यूज चैनल में इंटरव्यू के दौरान मुशर्रफ ने कहा कि ये दोनों दल राष्ट्रभक्त लोग हैं, उन्होंने पाकिस्तान के लिए अपनी जान की बाजी लगाई है। अगर ये राजनीतिक पार्टी बनाते हैं तो कोई उनका विरोध क्यों करेगा।
यही नहीं मुशर्रफ ने अपने खतरनाक इरादे भी जाहिर किए और कहा कि वह कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करते हैं। ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग सुप्रीमो मुशर्रफ ने कहा कि अब तक उनसे इन दोनों की संगठनों ने गठबंधन के लिए कोई संपर्क नहीं किया है, लेकिन यदि वे साथ आना चाहते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने आगे कहा, 'मैं उदारवादी हूं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि मैं धार्मिक रुझान वाले लोगों से घृणा करता हूं। मैं लश्कर-ए-तैयबा का सबसे बड़ा समर्थक हूं। मैं यह भी जानता हूं कि लश्कर और जमात के लोग भी मुझे पसंद करते हैं।'
परवेज मुशर्रफ ने कहा कि वे हाफिज सईद से मिले हैं और कश्मीर में उनकी भूमिका है। मुशर्रफ ने आगे कहा कि मैं हमेशा से कश्मीर में भारतीय सेना को कुचलना चाहता था। बता दें कि पाकिस्तान में इस समय भारी उठापटक चल रही है। जमात उद दावा का सरगना हाफिज सईद एक बार फिर बाहर आ गया है। पाकिस्तान सरकार उसके खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर पाई और कोर्ट ने उसकी नजरबंदी को आगे बढ़ाने से मना कर दिया। अमेरिका ने भी हाफिज सईद की नजरबंदी खत्म होने को लेकर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी।