क्या पाकिस्तान में आईएसआईएस आतंकियों को मिल सकती है सफलता
वाशिंगटन। पेरिस हो या ऑरलैंडो, आईएसआईएस अक्सर ही हमलों में शामिल होने के दावे करता रहा है और जांचकर्ता भी हर बार हमलों में शामिल हमलावरों के आईएसआईएस के साथ रिश्तों को तलाशने में लगे हुए हैं। इन सबके बीच ही एक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है आईएसआईएस आतंकी पाकिस्तान में अपनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
ट्रंप ने बोला पाकिस्तान पर हमला
दिसंबर 2015 में कैलिफोर्निया के सेंट बर्नाडिेनो में हुए आतंकी हमले के बाद हमले में शामिल आतंकी का पाकिस्तान के साथ कनेक्शन सामने आया था। इसके बाद रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी न्यू हैंपशायर की रैली में पाक के ऊपर हमला बोला है।
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आपको बता दें कि आईएसआईएस ने कैलिफोर्निया हमले में शामिल पाकिस्तानी महिला और उसके अमेरिका में जन्मे पति को खलीफा का एक सैनिक बताया था। इस हमले में 14 लोगों की मौत हो गई थी।
पेरिस हमलों में जारी पाक नागरिक की जांच
यह पहली बार नहीं है जब आईएसआईएस के हमलों में पाक के साथ कोई कनेक्शन शामिल आया हो इससे पहले के हमलों में भी आईएसआईएस के पाक के साथ संपर्क सामने आए हैं।
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फ्रांस में सोमवार को दो पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में हमलावर ने आईएसआईएस के साथ वफादारी का दावा किया था। पाकिस्तान से संबंधित आतंकी संगठन के साथ आईएसआईएस के संबंधों के बारे में फ्रांस की इंटेलीजेंस सर्विस को जानकारी थी। अप्रैल में ऑस्ट्रिया के जांचकर्ताओं ने कहा कि नवंबर में पेरिस में हुए आतंकी हमलों के मामले में एक पाकिस्तानी की भी जांच जारी है।
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पाक सरकार ने किया है इंकार
हालांकि पाकिस्तान की सरकार हर बार से देश में आईएसआईएस की मौजूदगी से इनकार करती है। विश्लेषकों का कहना है कि संगठन की अति हिंसक विचारधारा को भर्ती के हथियार के तौर पर कुछ सफलता मिली है लेकिन उसे वहां स्थापित आतंकी संगठनों से कड़ी चुनौती मिल रही है।
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वाशिंगटन में पाकिस्तान सेंटर के डाइरेक्टर मार्विन वाइनबाउम का मानना है कि आईएसआईएस को पाक में सीमित कामयाबी मिल रही है क्योंकि उसे पाक स्थित आतंकी संगठनों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
पाक में मौजूद आईएसआईएस के उम्मीदवार
वहीं अमेरिका के मिडिल ईस्ट फोरम के रिसर्चर जवाद अल तमीमी नहीं मानते कि आईएसआईएस में पाकिस्तान को राष्ट्र के रूप में खतरा पहुंचाने की क्षमता है। एक सीनियर पाक ऑफिसर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि पढ़े लिखे और बेरोजगार युवा पाक में आईएसआईएस की भर्ती के उम्मीदवार हैं।
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700 पाक नागरिकों ने छोड़ा देश
पाक के सिक्योरिटी एनालिस्ट मुहम्मद अमीर राणा के मुताबिक आईएसआईएस का फोकस मध्यवर्गीय युवाओं पर है, जो अमीर हैं और आईएसआईएस के ऑपरेशंस को चला सकते हैं। उन्होंने बताया है कि 700 पाकिस्तानियों ने आईएसआईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़ा है।
अफगानिस्तान से सटी सीमा निशाने पर
वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाक के पश्चिमोत्तर के कबायली इलाके में आईएसआईएस उन आतंकियों को निशाने पर ले रहा है जो वहां पहले से ही सक्रिय हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अल तमीमी का कहना है कि आईएसआईएस ऐसे लोगों की भर्ती की कोशिश कर रहा है जो तालिबान या लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों से निराश हैं।