आतंकियों में बांझपन का खौफ, पाकिस्तान में बच्चों को पोलिया दवा पिलाने गयी टीम पर फिर किया हमला
पाकिस्तान में पोलियो वैक्सीनेशन का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। एक बार फिर से पोलियो की दवाई पिलाने गई एक टीम पर अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। इस हमले में एक दवाकर्मी घायल हो गया है।
इस्लामबाद, 02 जुलाईः पाकिस्तान में पोलियो वैक्सीनेशन का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। एक बार फिर से पोलियो की दवाई पिलाने गई एक टीम पर अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। इस हमले में एक दवाकर्मी घायल हो गया है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को ये जानकारी दी। अफगानिस्तान की सीमा से सटे उत्तरी वजीरिस्तान में पहले भी कई बार टीकाकरण टीम पर हमले हो चुके हैं।
2022 में आए पोलियो के 9 मामले
अफगानिस्तान से सटे इस जिले में इस साल पोलियो के 9 मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद टीकाकरण अभियान के सिलसिले में एक टीम घर-घर जा रही थी। जानकारी के मुताबिक उत्तरी वजीरिस्तान कबायली जिले के मीर अली तहसील में शनिवार को अज्ञात हमलावरों ने पोलियो टीकाकरण टीम पर गोलियां चला दीं, जिसमें शेर अली नाम का एक कर्मी घायल हो गया। फिलहाल किसी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। अली को तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
मंगलवार को भी हुआ था हमला
बता दें कि उत्तरी वजीरिस्तान कबायली जिले में मंगलवार को भी ऐसा ही एक हमला हुआ था जिसमें अज्ञात हमलावरों ने पोलियो रोधी टीकाकरण दल की सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों समेत तीन लोगों की हत्या कर दी थी। इससे पहले इसी साल मार्च में उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में बंदूकधारियों ने एक महिला पोलियो कार्यकर्ता की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह पोलियो विरोधी अभियान में हिस्सा लेकर घर लौट रही थी।
घातक
है
पोलियो
वायरस
पोलियो
वायरस
से
होने
वाली
एक
खतरनाक
संक्रामक
बीमारी
है
जो
तंत्रिका
प्रणाली
को
प्रभावित
करता
है
और
इससे
लकवा
जैसी
बीमारी
के
साथ-साथ
मृत्यु
तक
हो
सकती
है।
यह
5
साल
तक
के
बच्चों
को
प्रभावित
करती
है।
टीकाकरण
के
अलावा
पोलियो
का
कोई
इलाज
नहीं
है।
ब्रिटेन
में
मिला
वायरस
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
के
अनुसार,
दुनिया
में
अब
सिर्फ
पाकिस्तान
और
अफगानिस्तान
ही
ऐसे
देश
बचे
हैं
जहां
बच्चे
पोलियो
से
ग्रस्त
हैं।
हाल
ही
में
लंदन
में
चार
दशकों
में
पहली
बार
सीवेज
के
नमूनों
में
पोलियो
वायरस
का
पता
चलने
के
बाद
पाकिस्तान
का
टीकाकरण
कार्यक्रम
जांच
के
दायरे
में
आ
गया
है।
हाल
के
वर्षों
में
उग्रवादियों
द्वारा
टीकाकरण
टीमों
पर
घातक
हमले
करके
गंभीर
बीमारी
पोलियो
को
खत्म
करने
के
प्रयासों
को
गंभीर
रूप
से
बाधित
किया
गया
है।
इनका
दावा
है
कि
पोलियो
की
दवाई
बांझपन
का
कारण
बनती
है।
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