पाकिस्तान की आर्थिक मदद रोकना एक सच्चाई, अमेरिका ने कहा वर्तमान हालातों मदद संभव नहीं
वॉशिंगटन। अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मटीज ने कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान को जिस आर्थिक मदद का सर्टिफिकेट देने से अमेरिकी कांग्रेस को इनकार किया, उसकी वजह है पाकिस्तान का हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ उचित कार्रवाई न करना। उन्होंने यह भी कहा कि उनका यह फैसला पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी नीति को दर्शाता है।
हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं
पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टंप ने शुक्रवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान को 350 मिलियन डॉलर की मदद नहीं देगा। पाक को यह मदद अमेरिका की ओर से कॉआलिएशन सपोर्ट फंड के तहत मिलती थी। यह फैसला जिम मटीज की ओर से आए उस बयान के बाद लिया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ उचित कार्रवाई की है। मटीज ने मीडिया को जानकारी दी कि वर्तमान फैसला सिर्फ वर्तमान स्थिति को दर्शाता है। यह कोई नीति नहीं है बल्कि वास्तविकता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन सिर्फ वास्तविकता को बता रहा है। जब उनसे पूछा गया कि 350 मिलियन डॉलर की मदद क्या ट्रंप प्रशासन की नई नीति है तो उन्होंने कहा नहीं।
भारत के साथ मिलकर पाक पर हो कार्रवाई
एक सवाल का जवाब देते हुए मटीज ने उन अफवाहों को भी खारिज कर दिया जिनमें एनएसए लेफ्टिनेंट जनरल एच आर मैकमास्टर के अफगान-संबंधित एक कार्य के लिए जल्द जाने की बात कही गई थी। इस बीच एक रिपोर्ट के अनुसार मटीज स ने कहा कि ट्रंप प्रशासन सैन्य स्तर एवं अन्य सैन्य विवरण से अलग एक नई अफगान रणनीति के लिए 'बड़े सुझावों' पर काम कर रहा है। दो दिन पहले ही अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकियों को शरण देने वाले देशों की सूची में डाला था। वहीं दक्षिण डकोटा के पूर्व सांसद लैरी प्रेस्लर ने पाकिस्तान पर आतंकवाद से लड़ाई के नाम पर अमेरिका को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने भारत के साथ मिलकर सुपर एलायंस बनाने की वकालत की है।