Success Story : वो 4 शख्स जो स्कूल-कॉलेज में फेल हो गए थे, फिर भी UPSC पास करके बन गए IAS-IPS
Success Story : वो 4 शख्स जो स्कूल-कॉलेज में फेल हो गए थे, फिर भी UPSC पास करके बन गए IAS-IPS
एक असफलता जिंदगी में कुछ हासिल करने से नहीं रोक सकती। भले ही फिर वो दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा ही पास करना क्यों ना हो? आज हम ऐसे ही पांच शख्स के बारे में बता रहे हैं, जो कभी स्कूल-कॉलेज में फेल हो गए थे और आज आईएएस अधिकारी के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। इनकी जिंदगी हार मान जाने वालों के लिए प्रेरणादायी है।
आईएएस रुक्मणि रियार, जिला कलेक्टर हनुमानगढ़, छठी क्लास में फेल
ये हैं आईएएस अधिकारी रुक्मणि रियार। राजस्थान कैडर में हनुमानगढ़ जिला कलेक्टर पद पर सेवाएं दे रही हैं। ये मूलरूप से पंजाब के चंडीगढ़ की रहने वाली हैं। मानें तो वह छठी क्लास में फेल हो गई थीं। फिर 2011 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दूसरे स्थान के साथ पास की। इनके पति सिद्धार्थ सिहाग भी आईएएस हैं। वर्तमान में चूरू में पोस्टेड हैं।
आईपीएस मनोज कुमार शर्मा, 12वीं कक्षा में फेल
साल 1977 को मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के गांव बिलग्राम में रामवीर शर्मा के घर जन्मे मनोज कुमार शर्मा 12वीं कक्षा में फेल हो गए थे। फिर अपने भाई के साथ ऑटो चलाने लगे थे, मगर कुछ समय बाद ही ऑटो छोड़ दुबारा से पढ़ाई शुरू की। कॉलेज शिक्षा हासिल करने के बाद यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली आए। मुखर्जी नगर दिल्ली में उत्तराखंड के अल्मोड़ा की श्रद्धा से दोस्ती हुई। फिर दोनों का ब्रेकअप हो गया। फिर चौथी प्रयास में यूपीएससी पास करके महाराष्ट्र कैडर में आईपीएस बने।
आईएएस अंजू शर्मा, गुजरात कैडर, 10वीं प्री बोर्ड परीक्षा में फेल
दसवीं के प्री बोर्ड परीक्षा में फेल होने वालीं अंजू शर्मा गुजरात कैडर में आईएएस अधिकारी हैं। स्कूल में फेल होने के बावजूद परिवार के सपोर्ट से पहले ही प्रयास में आईएएस अधिकारी बन गईं। अंजू शर्मा ने जयपुर से बीएससी की पढ़ाई की। आईएएस अधिकारी अंजू शर्मा ने अपने सर्विस की शुरुआत साल 1991 में राजकोट के सहायक कलेक्टर पद से की। मीडिया की खबरें के अनुसार वे गांधीनगर में शिक्षा विभाग (उच्च और तकनीकी शिक्षा), सचिवालय में प्रधान सचिव के पद पर पोस्टेड हैं।
आईएएस अनुराग कुमार, बिहार, नातक में कई विषयों में फेल
बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले अनुराग कुमार दसवीं तक पढ़ाई में बहुत होशियार थी। 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 90 फीसदी नंबर प्राप्त किए। फिर 12वीं में मैथ्स की प्री-बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए। 12वीं पास करने के बाद श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स दिल्ली में दाखिला लिया और स्नातक में कई विषयों में फेल हो गए। हालांकि बाद में स्नातक की और फिर यूपीएससी की तैयारियों में जुट गए। फिर लगातार दो यूपीएससी की परीक्षा दी और दोनों बार पास हुए। साल 2018 में 48वीं रैंकपाकर आईएएस अधिकारी बन गए।
UPSC परीक्षा पास करने के बाद ऐसे तय होता है कि कौन बनेगा IAS-IPS