दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश बाबू की पुण्यतिथि पर साथ नजर आए अश्विनी चौबे और तेजस्वी
पटना। बिहार के कद्दावर समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की सोमवार को यानी कि आज पहली पुण्यतिथि है। उनकी पहली पुण्यतिथि पर अलग-लग जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य कार्यक्रम मुजफ्फरपुर में आोयोजित है। रघुवंश प्रसाद शुरू से ही समाजवादी आंदोलन से जुड़े रहे और सादगी व सिद्धांत उनकी सबसे बड़ी पहचान रही। राजद में रहते हुए उन्होंने देश के ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में कई बड़े काम किये थे। रघुवंश प्रसाद के सियासी सफर की बात करें तो शुरुआत सीतामढ़ी में प्रोफेसर रहते शुरू हुई थी लेकिन समाजवादी विचार के रघुवंश बाबू को 1974 के जेपी आंदोलन ने प्रेरित किया और प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर वो आंदोलन और राजनीति में कूद पड़े।
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रघुवंश प्रसाद सिंह की पुण्यतिथि के मौके पर दलों की सीमा टूटी हुई नजर आई। राजद और भाजपा के नेता एक पंक्ति में बैठे रहे। तेजस्वी यादव और भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे अगल-बगल बैठे रहे। दोनों एक-दूसरे के साथ खुशमिजाजी से मिले। हालांकि प्रदेश के मंत्री रामसूरत राय तेजस्वी यादव के आने से पहले निकल गए थे। जदयू के नेता भी तेजस्वी के आने से पहले निकल गए।
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वहीं राजद के नेताओं ने दिल्ली स्थित राजद कार्यालय में रघुवंश प्रसाद सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव, सांसद मनोज झा समेत कई नेता मौजूद रहे। संबोधन के दौरान जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि रघुवंश बाबू की पहचान बिहार ही नहीं पूरे देश में रही। उनके जाने से बिहार नहीं पूरे देश और राष्ट्रीय जनता दल का भी नुकसान हुआ। वहीं आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह से सीखने की जरुरत, सत्ता की लालच में नाव नहीं बदला करते, नाव वही रहती है उसी को ठिकाने तक ले जाते हैं।