उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर किया कटाक्ष, कहा- महामारी के दौरान सत्ता की लालसा से पैदा होगी अराजकता
महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी पूर्व सहयोगी पार्टी भाजपा पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए शनिवार को कहा महामारी के बीच सत्ता की भूख से अराजकता पैदा होगी। उ
मुंबई, 6 जून। महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी पूर्व सहयोगी पार्टी भाजपा पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए शनिवार को कहा महामारी के बीच सत्ता की भूख से अराजकता पैदा होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में राज्य की जनता की सुरक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है और यदि वो ऐसा नहीं करते हैं तो उनका सत्ता में रहना व्यर्थ है। ठाकरे ने कहा, 'जिन लोगों ने मुझे वोट जिया यदि वे कोविड महामारी से नहीं बचे तो फिर सत्ता का क्या फायदा? उन्होंने कहा कि कोरोना के बीच सत्ता की लालसा से काम करने से अराजकता पैदा होगी।' हालांकि इस दौरान उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
ठाकरे ने एक मराठी अखबार से हुई बातचीत के दौरान ये बातें कहीं। ठाकरे ने कहा कि लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे अगर उन्होंने लोगों को यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्हें सत्ता में क्यों होना चाहिए।
राजनीति
में
आने
का
इच्छुक
नहीं
था
उद्धव
ठाकरे
ने
आगे
कहा
कि
वह
अपने
पिता
की
वजह
से
राजनीति
में
आए।
वह
कभी
भी
राजनीति
में
आने
के
इच्छुक
नहीं
थे।
उन्होंने
कहा
कि
शिवसेना
के
संस्थापक
बालासाहेब
ठाकरे
चाहते
थे
कि
शिवसेना
का
कोई
कार्यकर्ता
राज्य
का
मुख्यमंत्री
बने।
अभी
उनका
यह
सपना
पूरा
किया
जाना
बाकी
है।
यह भी पढ़ें: कोरोना कर्फ्यू मुक्त हुए यूपी के 71 जिले, केवल इन चार जिलों में ही लागू रहेगा कर्फ्यू
उन्होंने कहा, 'मेरा झुकाव कभी भी राजनीति की तरफ नहीं था। मैं अपने पिता की मदद करने के लिए राजनीति में आया था, 100 साल बाद एक महामारी मुख्यमंत्री के तौर पर मेरे कार्यकाल के दौरान आई है। मैं कभी भी जिम्मेदारी से नहीं कतराया। मैं अपनी क्षमता के अनुसार जो कर सकता हूं वह कर रहा हूं।' यह पूछने पर कि क्या शिवसेना भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन कर सकती है। इसके जवाब में ठाकरे ने कहा कि भाजपा के नेता प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी पैदा हुई। उन्होंने कहा वर्तमान में उनकी सहयोगी पार्टियां कांग्रेस और एनसीपी उनसे आदर के साथ पेश आती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत में हमारे बीच मतभेद थे।
उन्होंने कहा, 'भाजपा अब दिल्ली में है। किसी गठबंधन में मतभेदों पर चर्चा करने और उन्हें हल करने के लिए खुलापन होना चाहिए। मेरे नये सहयोगी मेरे साथ सम्मान से पेश आते हैं। एमवीए एक गठबंधन है जहां हमारे मतभेद थे, इसलिए हम अब और अधिक खुले हैं।'