मौलवियों की चेतावनी के बावजूद भी मुस्लिम महिला ने जीता मेयर का चुनाव
कोल्हापुर से मेयर का चुनाव जीतने वाली हसीना फारस ने बताया कि वह पिछले साल चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन स्थानीय मौलवियों ने उनके चुनाव लड़ने का विरोध किया।
कोल्हापुर। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक मुस्लिम महिला ने मेयर चुनाव में शानदार जीत हासिल किया है। अब वो इस पद को संभालने जा रही हैं। हालांकि उन्हें इस जीत के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी है।
मुस्लिम महिलाओं के मिसाल बनी फारस
कोल्हापुर से मेयर का चुनाव जीतने वाली हसीना फारस ने बताया कि वह पिछले साल कोल्हापुर नगर निगम का चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन 40-50 की संख्या में स्थानीय मौलवियों ने उनके चुनाव लड़ने का विरोध किया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं का चुनाव लड़ना गैर-इस्लामिक है।
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टीओआई में छपी खबर के मुताबिक इस बीच मजलिस-ए-शूरा-उलामा-ए-शहर ने मुस्लिम महिलाओं के चुनावों में उतरने का विरोध करते हुए एक फतवा जारी कर दिया।
फतवे के बावजूद करीब 19 महिलाओं ने नगर निगम चुनाव में उतरने का फैसला किया। इन महिलाओं में पांच उम्मीदवारों ने शानदार जीत हासिल की, इनमें हसीना फारस भी हैं। फतवे के एक साल बाद 61 वर्षीय फारस पहली मुस्लिम महिला हैं जिन्होंने कोल्हापुर की मेयर का चुनाव जीता है।
पहली मुस्लिम महिला चुनी गई कोल्हापुर की मेयर
फारस की राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। उनका परिवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से जुड़ा हुआ है।
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धार्मिक चुनौती ने उनकी राह में बड़ी समस्या खड़ी की लेकिन उन्होंने बताया कि परिवार और समाज से जुड़े लोगों के सहयोग से उन्हें ये कामयाबी हासिल हुई है।
हसीना फारस ने टीओआई से बातचीत में कहा कि फतवा देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। कोल्हापुर छत्रपति शाहू जी महाराज की महान विरासत है। इसलिए हमने फतवे की चिंता नहीं करते हुए चुनाव लड़ा।
कोल्हापुर नगर निगम की मेयर बनी हसीना फारस
हसीना फारस ने कहा कि अब समाज में बदलाव आ चुका है और हमने इस बदलाव को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि अगर आगे भी इस तरह के फतवे जारी किए गए तो हम इन फतवों का विरोध करेंगे। ऐसे फतवों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएंगे।
बता दें कि स्थानीय निकायों में महिला के 50 फीसदी का आरक्षण है। 81 सदस्यों वाले कोल्हापुर नगर निगम में 42 महिला पार्षद हैं, ये सभी पार्षद बड़ी राजनीतिक पार्टियों से जुड़ी हुई हैं। कोल्हापुर में मेयर का पद एनसीपी और कांग्रेस के बीच बदलता रहता है।