संध्या यादव: मुलायम की भतीजी ने परिवार से बगावत कर BJP से लड़ा था चुनाव, जानें हार हुई या दर्ज की जीत?
मैनपुरी मई 03: उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार बड़े-बड़े चेहरे मैदान में थे, जिनपर सभी की निगाहें टिकी थीं। इन बड़े चेहरों में से एक समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह की भतीजी संध्या यादव भी शामिल थीं। संध्या यादव ने परिवार से बगावत कर बीजेपी के टिकट से मैनपुरी में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में संध्या यादव को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। संध्या यादव पूर्व सांसद धर्मेंद यादव की बड़ी बहन हैं और उन्होंने बीजेपी के टिकट पर वार्ड संख्या 18 से चुनाव लड़ा था। सपा नेता प्रमोद यादव की पत्नी ने उन्हें मात दी है। हालांकि, अभी आधिकारिक घोषणा का इंतजार है।
मैनपुरी में सपा का वर्चस्व
मैनपुरी में 30 जिला पंचायत सदस्यों के लिए मतगणना जारी है। सोमवार सुबह तक के परिणाम और रुझानों में समाजवादी पार्टी का वर्चस्व दिख रहा है। 30 में से 5 सीटें सपा जीत चुकी है और 11 पर आगे चल रही है। बीजेपी दो सीटें जीत चुकी है और चार सीटों पर आगे चल रही है। पांच सीटों पर निर्दलीय भी आगे हैं। वहीं, बसपा का खाता नहीं खुला है।
मुलायम की भतीजी को हार का सामना करना पड़ा
संध्या यादव ने परिवार से बगावत कर बीजेपी के टिकट से मैनपुरी में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में संध्या यादव को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। संध्या यादव पूर्व सांसद धर्मेंद यादव की बड़ी बहन हैं और उन्होंने बीजेपी के टिकट पर वार्ड संख्या 18 से चुनाव लड़ा था। सपा नेता प्रमोद यादव की पत्नी ने उन्हें मात दी है।
मजबूत दावेदार माना जा रहा था
बता दें, बीते लोकसभा चुनाव से पहले संध्या यादव के पति अनुजेश यादव ने भाजपा का दामन थाम लिया था। मुलायम की भतीजी और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की सगी बहन संध्या यादव ने पिछले दिनों तक कभी खुद भाजपा में जाने की पुष्टि नहीं की थी। जिला पंचायत चुनाव से पहले भाजपा ने उनको वार्ड 18 से समर्थित प्रत्याशी घोषित कर दिया था। संध्या यादव पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं, ऐसे में चुनाव जीतने की सूरत में उनको भाजपा में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का भी मजबूत दावेदार माना जा रहा था, लेकिन परिणाम कुछ और आया।
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