कौन हैं BR Ambedkar के पोते प्रकाश आंबेडकर ? जिनसे शिंदे से धोखा खाए उद्धव ने की है सियासी दोस्ती
मुंबई में उद्धव ठाकरे ने बीएमसी चुनाव के लिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर को अपना नया सियासी दोस्त बनाया है। प्रकाश दो बार लोकसभा पहुंच चुके हैं और ओबीसी, किसान आंदोलनों का प्रतिनिधित्व करते आए हैं।
महाराष्ट्र में अपने पुराने साथी एकनाथ शिंदे से चोट खाए उद्धव ठाकरे अब नई सियासी बिसात बिछाना शुरू कर चुके हैं और अपना एक नया सियासी दोस्त खोज लिया है। उद्धव ठाकरे के ये नए सियासी दोस्त हैं बाबा साहेब भीमराव के पोते प्रकाश आंबेडकर। महाराष्ट्र की सत्ता गवां चुके उद्वव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना अब मुंबई में बृहद मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनाव प्रकाश आंबेडकर की पार्टी "वंचित बहुजन आघाड़ी" के साथ लड़ने का ऐलान कर दिया है। माना जा रहा है कि बीएमसी के बहाने उद्धव ठाकरे गुट ने 2024 के लोक सभा चुनाव में भाजपा और शिदें गुट को टक्कर देने के लिए नया गठबंधन तैयार कर लिया है। आइए जानते हैं कौन हैं ये प्रकाश आंबेडकर और इसके जुड़ने से उद्धव गुट को क्या होगा फायदा?
बीएमसी चुनाव आन बान शान की लड़ाई
पहले बता दें बीएमसी जिस पर शिवसेना का कब्जा पिछले तीस सालों से है उसी शिवसेना के शिंदे की बगावत के बाद दो टुकड़े हो चुके हैं और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सामने इस बार का चुनाव जीतना आन बान शान का मुद्दा बन चुका है। वहीं भाजपा के साथ हाथ मिलाकर शिंदे गुट के लिए भी ये चुनाव जीतना इज्जत का सवाल है। ऐसे में इस बार के बीएमसी चुनाव में ये देखना रोचक होगा कि किसकी जीत होगी? इसके साथ ही 2024 में ये देखना और भी रोचक होगा कि अगर प्रकाश और उद्वव गुट का ये गठबंधन भाजपा और शिंदे गुट का मुकाबला करता है तो ये सियासी दोस्ती क्या रंग लाएगी।
कौन हैं प्रकाश आंबेडकर
भारीपा
बहुजन
महासंघ
(बीबीएम)
के
नेता
और
पेशे
से
वकील
प्रकाश
आंबेडकर
भारतीय
संविधान
के
पितामह
बी
आर
अंबेडकर
और
रमाबाई
के
पोते
हैं।
प्रकाश
के
पिता
का
नाम
यशवंत
अम्बेडकर
(भैयासाहेब)
और
माता
का
नाम
मीरा
है।
बौद्ध
धर्म
के
अनुयायी
प्रकाश
के
तीन
छोटे
भाई-बहन
हैं
जिनका
नाम
भीमराव,
आनंदराज
और
रमाबाई
हैं,
प्रकाश
अम्बेडकर
की
पत्नी
अंजलि
मायदेव
और
उनसे
उनका
एक
सुजात
नाम
का
बेटा
है।
उनका
परिवार
मुंबई
में
रहता
है।
1991 से ओबीसी समुदाय और किसानों की आवाज बने प्रकाश
10 मई, 1954 को मुंबई में जन्में प्रकाश आंबेडकर भीमा कोरेगांव की लड़ाई में 200वीं वर्षगांठ के बाद जो हिंसा भड़की थी तब 2018 में इस हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र का बंद का आह्वान किया था और जमकर सुर्खियों में आए थे। इसके अलावा रिडल्स मार्च केस, रोहित वेमुला आत्महत्या केस और अम्बेडकर भवन विध्वंस केस, उन्ना दलित अत्याचार, ओबीसी आंदोलन से जुड़े रहे। 1991 से किसान , ओबीसी समुदाय के लिए जन आंदोलन करते रहे हैं।
अकोला संसदीय सीट से दो बार रहे सांसद
कई किताबों के लेखक दो बार महाराष्ट्र की अकोला संसदीय सीट से सांसद चुने प्रकाश आंबेडकर ने पहली बार 1998 में और दोबारा 1999 में अकोला सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे और जीत का परचम लहराया था। 1990 में राज्यसभा सदस्य भी चुने गए थे।