महाराष्ट्र में कब सस्ते होंगे पेट्रोल और डीजल ? मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की बड़ी घोषणा
मुंबई, 4 जुलाई: महाराष्ट्र में नई सरकार का विश्वास मत जीतने के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज सदन में इस बात की ओर इशारा कर दिया है। उन्होंने जल्द ही कैबिनेट की बैठक में तेल की कीमतों से वैट घटाने का ऐलान किया है। मुंबई के लोग देश में सबसे ज्यादा महंगे पेट्रोल और डीजल खरीद रहे हैं, उनके लिए यह बहुत ही राहत वाली खबर है। वैसे विश्वास मत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री शिंदे के सामने सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपने मंत्रिमंडल विस्तार की है। जिसके बाद ही कैबिनेट बैठक होने की संभावना है। इस विस्तार को लेकर भी दोनों दलों के बीच चर्चाओं का दौरा जारी है।
कैबिनेट की बैठक में लेंगे वैट घटाने पर फैसला-सीएम शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा है कि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों से वैट कम करेगी। विश्वास मत जीतने के बाद सदन में हो रही बहस के दौरान जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य कैबिनेट में तेल की कीमतों से वैट घटाने को लेकर फैसला लिया जाएगा। सीएम शिंदे ने सोमवार को ही सदन में विश्वास मत हासिल किया है। लिहाजा बाकी भाजपा शासित राज्यों की तर्ज पर उनकी सरकार पर भी तेल की कीमतों में राहत देने को लेकर लोगों की काफी उम्मीदें हैं।
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महाराष्ट्र में पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटने के आसार
इस समय मुंबई में पेट्रोल के दाम 111.35 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 97.28 रुपए प्रति लीटर है। मुंबई में पेट्रोल के दाम देश में सबसे ज्यादा है। लेकिन, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद लोगों की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं और उन्हें इंतजार है कि राज्य सरकार कब तेल की कीमतों पर वैट घटाती है। इससे पहले पिछली सरकार ने मई के आखिर में पेट्रोल पर लगने वाले प्रदेश कर में 2.08 रुपए प्रति लीटर और डीजल में 1.44 रुपए की कटौती की थी। यह फैसला तब लिया गया था, जब केंद्र सरकार ने मई को पेट्रोल से 8 रुपए प्रति लीटर और डीजल से 6 रुपए प्रति लीटर टैक्स घटाने का ऐलान किया था। तब केंद्रीय वित्त मंत्री ने जनता से तेल की कीमतों का भार कम करने के लिए राज्यों से भी यही अपील की थी।
43 दिनों से स्थिर रहे हैं तेल के दाम
सोमवार को भारत में लगातार 43वें दिन तेल की कीमतें स्थिर रहे। 27 मई को केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों से उत्पाद शुल्क कम कर दिया था, तब से इसके दाम अपनी जगह कायम हैं। इस फैसले के बाद महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान की गैर-बीजेपी शासित प्रदेशों ने भी पेट्रोल-डीजल से वैट कम किए थे। इससे पहले पिछले साल नवंबर में भी केंद्र सरकार ने पेट्रोल से 5 रुपए और डीजल से 10 रुपए प्रति लीटर शुल्क कम कर दिए थे। तब अधिकतर भाजपा-शासित राज्यों ने भी वैट कम कर दिया था। लेकिन, अप्रैल में विपक्षी पार्टियों की ओर से शासित राज्यों ने पीएम मोदी की ओर से वैट घटाकर जनता को राहत देने का सुझाव ठुकरा दिया था। उनका कहना है कि इससे उनके राजस्व को भारी नुकसान पहुंचेगा।
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164 विधायकों ने शिंदे के विश्वास मत का समर्थन किया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने सोमवार को ही महाराष्ट्र विधानसभा की दो दिवसीय विशेष सत्र में विश्वास मत प्राप्त किया है। 288 सदस्यीय सदन में अभी सिर्फ 287 विधायक हैं। इनमें से 164 विधायकों ने शिंदे सरकार के विश्वास मत का समर्थन किया और 99 विधायकों ने इसके खिलाफ वोट डाले। तीन विधायकों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण और विजय वाडेत्तिवार समेत 21 विधायक इस प्रक्रिया के दौरान सदन से अनुपस्थित रहे। एकनाथ शिंदे ने पिछले महीने ही विधान परिषद चुनावों के बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना से बगावत कर दिया था और अब उनके समर्थक विधायकों की संख्या पार्टी के दो-तिहाई सदस्यों से ज्यादा है। उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है।