फ्लोर टेस्ट के बाद बोले फडणवीस- मैं भी बोल रहा हूं कि हां ये ED 'एकनाथ-देवेंद्र' की सरकार है
मुंबई, 04 जुलाई। महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार ने फ्लोर टेस्ट में बड़ी जीत हासिल की है। एकनाथ शिंदे सरकार के पक्ष में 164 वोट पड़े जबकि 3 विधायकों ने वोट में हिस्सा नहीं लिया। फ्लोर टेस्ट में पास होने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राजनीति में हर किसी को विरोधियों की भी बात सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमने देखा कि लोग सिर्फ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के चलते जेल गए। हमारे खिलाफ बोलने वालों के लिए हमे तैयार रहना चाहिए। हमे आलोचना का जवाब देना चाहिए लेकिन सही तरीके से।
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उपमुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
मैं
घर
पर
भी
बैठ
जाता
है
अगर
पार्टी
कहती,
इसी
पार्टी
ने
मुझे
मुख्यमंत्री
भी
बनाया
था।
आज
मैं
आपको
यह
बताना
चाहता
हूं
कि
इस
सरकार
में
सत्ता
को
लेकर
कभी
कोई
संघर्ष
नहीं
होगा,
हम
हमेशा
सहयोग
बनाए
रखेंगे।
लोग
कहते
हैं
कि
यह
ईडी
की
सरकार
है,
लेकिन
मैं
बताना
चाहता
हूं
कि
यह
एकनाथ-देवेंद्र
सरकार
है।
हमारे
गठबंधन
को
जनता
का
समर्थन
मिला
था,
लेकिन
जानबूझकर
हमसे
बहुमत
को
छीना
गया।
लेकिन
एकनाथ
शिंदे
के
साथ
हमने
फिर
से
शिवसेना
के
साथ
सरकार
का
गठन
किया
है।
एक
सच्चा
शिवसैनिक
मुख्यमंत्री
बना
है,मैं
उपमुख्यमंत्री
बना
क्योंकि
मेरी
पार्टी
ने
ऐसा
करने
को
कहा।
फडणवीस ने कहा कि मैंने एक बार कहा था कि मैं वापस आऊंगा, लेकिन मैंने जब वह कहा था तो कई लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया था। मैं आज वापस आग गया हूं और एकनाथ शिंदे को वापस ले आया हूं मेरे साथ। मैं उन लोगों से बदला नहीं लूंगा जिन्होंने मेरा मजाक उड़ाया। मैं उन्हें माफ कर दूंगा. राजनीति में हर चीज को दिल से नहीं लिया जाता है। बता दें कि शिवसेना में टकराव के बाद एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों के साथ महाविकास अघाड़ी सरकार से अलग होने का फैसला लिया, जिसके बाद भाजपा के साथ मिलकर शिंदे ने नई सरकार का गठन किया।
नई सरकार के गठन के बाद महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया गया। सत्र के पहले दिन विधानसभा के स्पीकर का चुनाव हुआ, जिसमे भारतीय जनता पार्टी के राहुल नार्वेकर को स्पीकर चुना गया। वहीं आज सदन में फ्लोर टेस्ट हुआ,जिसमे 164 विधायकों ने एकनाथ शिंदे की सरकार के पक्ष में वोट दिया तो विपक्ष में 99 विधायकों ने वोट दिया। वहीं उद्धव ठाकरे की ओर से नए स्पीकर के चयन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। साथ ही 16 विधायकों की अयोग्यता पर भी सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को सुनवाई होगी।