नौरादेही अभयारण्य: बाघों के घर से इंसान बेदखल, 93 में से 22 गांव विस्थापित, दो समनापुर में बसेंगे
सागर, 04 जुलाई। नौरादेही अभयारण्य के नौरादेही रेंज में इन दिनों बाघ परिवार के 10 सदस्य मौजूद हैं। यहां पर पूर्व में अफ्रीकन चीतों को बसाने की योजना भी बनी थी। अभयारण्य को पहले नेशनल पार्क और अब टाइगर रिजर्व बनाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। इसको लेकर केंद्र सरकार, मप्र शासन, वन विभाग, जिला प्रशासन लगातार काम कर रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत अभयारण्य के अंदर बसे बन गांवों को लेकर हो रही थी। इसमें बफर जोन, कोर एरिया से गांवों को विस्थापित करने का काम लगातार चल रहा है।
सड़क
बिजली
पानी
जैसी
सुविधाएं
भी
दी
जाएंगी
जिला
प्रशासन
ने
नौरादेही
में
रहली
से
लगे
आंकी
खेड़ा
एवं
खापा
के
परिवारों
को
विस्थापित
किया
जाना
है।
इन्हें
समनापुर
गांव
में
जमीन
देकर
विस्थापित
किया
जाएगा।
विस्थापन
में
यह
पहला
मामला
है,
ग्रामीणों
को
विस्थापन
के
पैसे
के
बाद
जमीन
भी
उपलब्ध
कराकर
विस्थापित
किया
जा
रहा
है।
कलेक्टर
दीपक
आर्य
खुद
यह
कमान
संभाल
रहे
हैं।
उन्होंने
समनापुर
व
दरारिया
गांव
में
विस्थापन
की
जगह
का
निरीक्षण
कर
ग्रामीणों
को
मूलभूमत
सुविधाएं
मुहैया
कराने
के
लिए
निर्देश
दिए
हैं।
इनमें
पानी,
सड़क,
बिजली
आदि
शामिल
हैं।
22 गांव पूर्ण रुप से विस्थापित हो चुके हैं
नौरादेही अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने की प्रक्रिया के बीच यहां से 93 गांव का विस्थापन चल रहा है। 22 गांव विस्थापित हो चुके हैं। प्रत्येक पात्र परिवार को 15-15 लाख रुपए मुआवजा मिला। अब रहली इलाके में मोहली रेंज के आंकी खेड़ा एवं खापा गांव वालों को समनापुर में विस्थापित किया जा रहा है। यहां इनके लिए मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी।