MP: पन्ना के टाई गांव में कुपोषण से दो साल के बच्चे की आंखें हुई खराब
सागर, 25 सितंबर। मप्र के पन्ना जिले के टाई गांव में कुपोषण के चलते दो साल के बच्चे की आंखों की रोशनी चले जाने जैसा गंभीर मामला सामने आया है। यह बच्चा महिला बाल विकास के कुपोषण मुक्ति अभियान के तहत दर्ज भी रहा हैं, लेकिन उसको समय पर सही इलाज और पोषण आहार जैसी बेसिक चीजे न मिलने से उसकी आंखें चली गईं। उसकी मां ने बच्चे को एनआरसी ले जाकर भर्ती कराया जहां से उसे पवाई शिशु रोग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया है। बच्चे की मां और पिता दोनों परेशान हैं और उसे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर घूम रहे हैं।
पन्ना जिले से कुपोषण व बीमारी को लेकर गंभीर मामला सामने आया है। इसमें पवई ब्लाॅक के टाई गांव निवासी शांति रैकवार के दो साल के बेटा संतोष कुपोषित है और शरीर से काफी कमजोर है। कुछ दिनों पहले कुपोषण व कमजोरी के चलते उसकी आंखों की रोशनी पूरी तरह समाप्त हो गई। जब बच्चा असहज हो गया और उसे दिखना बंद हुआ तो शांति ने अपने पति और परिजन को बताया तो वे उसे स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे। यहां उसका प्राथमिक उपचार के बाद उसे पवई अस्पताल भेजा गया। यहां से बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने के लिए पन्ना जिला अस्पताल भेजा गया था। बच्चे का शिशु रोग विशेषज्ञ और नेत्र रोग विशेषज्ञों ने उसका परीक्षण किया है।
बच्चे
को
रीवा
मेडिकल
कॉलेज
रेफर
किया
है,
परिजन
नहीं
ले
जा
रहे
पन्ना
सिविल
सर्जन
डॉ.
एलके
तिवारी
के
अनुसार
बच्चे
को
एनआरसी
में
भर्ती
करके
इलाज
किया
जा
रहा
है।
उसे
ब्लड
की
कमी
थी,
जिसके
बाद
ब्लड
लगवा
दिया
गया
है।
निमोनिया
भी
था,
जो
ठीक
हो
गया
हैं
मेडिकली
उसे
ज्यादा
दिक्कत
नहीं
है।
उसे
अब
आॅप्थेलमोलाॅजिस्ट
से
चैकअप
कराने
की
आवश्यकता
है।
बच्चे
को
रीवा
मेडिकल
कॉलेज
की
नेत्र
रोग
विभाग
के
लिए
रेफर
गया
है।
जहां
नेत्ररोग
विशेषज्ञ
उसका
चैकअप
कर
बेहतर
इलाज
दे
पाएंगे।
परिजन
फिलहाल
जाने
को
तैयार
नहीं
है,
इसलिए
उसे
शिशु
वार्ड
में
भर्ती
कर
इलाज
व
पोषण
आहार
दिया
जा
रहा
है।
MP: किचन के फ्रिज में छिपा था अजगर, बना लिया था घर, ओपन करते ही फुंकारा, देखकर होश फाख्ता
इधर
महिला
बाल
विकास
मना
रहा
सेवा
पखवाड़ा
महिला
बाल
विकास
विभाग
व
आंगनवाड़ी
के
माध्यम
से
कुपोषित
बच्चों
को
चिन्हित
कर
उन्हें
इलाज,
पोषण
आहार
उपलब्ध
कराया
जाता
है।
गंभीर
कुपोषित
बच्चों
को
एनआरसी
में
भर्ती
रखकर
14
दिन
इलाज
दिया
जाता
हैं।
विभाग
समय-समय
पर
अभियान
चलाता
है।
गांव-गांव
में
सेवा
पखवाड़े
के
तहत
बच्चों
का
वजन
से
लेकर
हेल्थ
चैकअप
होता
है।
बावजूद
इसके
टाई
गांव
में
दो
साल
के
संतोष
की
आंखों
की
रोशनी
चली
जाना,
वह
भी
कुपोषण
और
कमजोरी
के
चलते
गंभीर
मामला
है।