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माता वैष्णवदेवी यात्रा पर 75 साल के बुजुर्ग पैदल निकले, 33 दिन में 1350 किलोमीटर चले, 33 दफा पैदल पहुंचे

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Mata Vaishnav Devi दरबार के मुरीद 75 साल के बुजुर्ग मनसुख लाल साल में दो बार मप्र के सागर से माता वैष्णदेवी के भुवन तक पैदल ही दर्शन करने जाते हैं। वे 33 दिन में माता के भुवन तक पहुंचते हैं। बीते 15 साल में वे पैदल और अकेले ही 32 दफा यात्रा पर जा चुके हैं। पैदल यात्रा का उनका भटिंडा में एक व्यक्ति द्वारा बनाया गया वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें मनसुख लाल बता रहे हैं कि वे सागर के मप्र से आए हैं और बीते 30 दिन पहले सागर से निकले थे। वे दिन के समय करीब 16 से 18 घंटे पैदल चलते हैं। वे खुद भोजन बनाते हैं या मंदिर में प्रसादी गृहण कर लेते हैं।

मनसुख लाल दीन-दुनिया से दूर माता वैष्णव देवी की भक्ति में रमे रहते हैं+

मनसुख लाल दीन-दुनिया से दूर माता वैष्णव देवी की भक्ति में रमे रहते हैं+

माता वैष्णव देवी के भुवन में दर्शनों के लिए कोई जीवन में एक बार भी नहीं जा पाता तो किसी को माता के दर्शन की ऐसी ललक रहती है कि वह बार-बार भुवन तक पहुंच जाता है। माता के कुछ भक्त ऐसे भी होते हैं जो दीन-दुनिया से दूर केवल माता की भक्ति की धुन में रमे रहना चाहते हैं। सागर के 75 वर्षीय मनसुख लाल ऐसे ही भक्त हैं। वे साल में दो दफा सागर से माता वैष्णव देवी के दर्शन करने पैदल जाते हैं। मनसुख अभी भी दर्शन के लिए गए हुए हैं।

1350 किलोमीटर की यात्रा 33 दिन में कर लेते हैं

1350 किलोमीटर की यात्रा 33 दिन में कर लेते हैं

माता वैष्णव देवी के दर्शनों की आस में मप्र के सागर जिले के निवासी मनसुख लाल हाथ में माता के जयकारे की ध्वज पताका, पीठ पर कंबल, एक जोड़ी कपड़े, बर्तन के नाम पर एक थाली लेकर निकल पड़ते हैं। सागर से माता के भुवन तक का करीब 1350 किलोमीटर तक का सफर वे पांव-पांव ही तय करते हैं। इस दौरान, धूप, गर्मी, बारिश वे सब झेलते हैं, लेकिन उनके मन में माता के दर्शनों की लालसा और माता की कृपा का विश्वास कम नहीं होता है। मनसुख अभी भी दर्शन के लिए गए हुए हैं।

गर्मी में निकले थे, पूरा बारिश का सीजन पैदल चले

गर्मी में निकले थे, पूरा बारिश का सीजन पैदल चले

माता के भक्त मनसुख लाल जुलाई के महीने में सागर से माता वैष्णव देवी के दरबार में दर्शन की आस लेकर घर से निकले थे। वे लगातार तीन महीने से अधिक पैदल-पैदल चलकर दीपावली के पहले माता वैष्णव देवी दरबार तक पहुंचते हैं। मनसुख लाल को देखकर भटिंडा में एक स्थानीय मीडियाकर्मी ने रोककर बातचीत की तो बुजुर्ग मनसुख लाल ने बताया कि वे जब घर से निकले थे, उस समय गर्मी हो रही थी।

15 साल में 32 दफा पैदल यात्रा कर चुके हैं

15 साल में 32 दफा पैदल यात्रा कर चुके हैं

सागर के बुजुर्ग मनसुख लाल की माता में लगन का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि वे बीते 15 सालों में 32 दफा ऐसे ही पैदल माता रानी के दर्शन करने सागर से वैष्णव देवी माता के भुवन तक जा चुके हैं। उनका मानना है कि माता हर बार उन्हें दर्शन के लिए बुलाती हैं, इसलिए वे आते हैं। 75 की उम्र और रास्ते की तकलीफ, भूख, प्यास, पैर के छाले, अभाव भी उनके विश्वास को नहीं डिगा पाया। वे अब भी लगातार यात्रा करते हैं। बीते 15 साल से वे साल में दो बार यात्रा करने जाते हैं। करीब साल में करीब छह महीने वे यात्रा करते रहते हैं। हर बार उन्हें 33 से 35 दिन दर्शन करने में लग जाते हैं। यात्रा के दौरान रात में वे मंदिर परिसर या सड़क किनारे ही सो जाते हैं।

रास्ते में लिफ्ट नहीं लेते, कोई कहें भी तो विनम्रता से मना कर देते हैं

रास्ते में लिफ्ट नहीं लेते, कोई कहें भी तो विनम्रता से मना कर देते हैं

मनसुख की उम्र, कंधे पर कंबल और माता के जयकारे लगाते पैदल चलते हुए देखकर लोग समझ जाते हैं कि वे वैष्णव देवी यात्रा पर निकले हैं। रास्ते से गुजरते भक्त, श्रृद्ालु और सहृदयी लोग उन्हें रोककर उन्हें लिफ्ट देने या आगे तक छोड़ने, कटड़ा तक ले जाने की पेशकश भी करते हैं, लेकिन मनसुख अपनी धुन और नियम के पक्के हैं, वे हाथ जोड़कर लोगों को विनम्रता से इंकार करके आगे बढ़ जाते हैं। मनसुख का भरापूरा परिवार है, पत्नी, बेटे-बेटी, नातियां सब हैं। वे बताते हैं कि माता रानी का ध्वज लेकर चलते हैं तो माता खुद उनकी मदद और रक्षा करती हैं। भोजन की व्यवस्था मंदिरों, गुरुद्वारों में हो जाती है, जब नहीं मिलता तो वे खुद आटे से रोटियां बनाकर खा लेते हैं।

पन्ना की रत्नगर्भा धरती ने उगले 8 हीरे, मिट्टी छानते-छानते रातों-रात बन गए लखपति पन्ना की रत्नगर्भा धरती ने उगले 8 हीरे, मिट्टी छानते-छानते रातों-रात बन गए लखपति

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English summary
Mansukh Lal, a 75-year-old man of Mata Vaishnav Devi court, goes twice a year from the ocean of Madhya Pradesh to visit Mata Vaishnadevi's Bhuvan on foot. They reach Mata's Bhuvan in 33 days. In the last 15 years, he has gone on foot and alone 33 times. A video made by a man of his walking tour in Bathinda is also going viral.
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