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खरगोन हिंसा: प्रशासन पर गुमटी तोड़ने का आरोप लगाने वाले दिव्यांग ने बदला बयान

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भोपाल, 19 अप्रैल। मध्य प्रदेश के खरगोन में जिस तरह से हिंसा हुई उसके बाद प्रशासन प्रदर्शनकारियों और हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। मुख्यमंत्री साफ तौर पर कह चुके हैं कि जो भी दंगे में शामिल था उसे छोड़ा नहीं जाएगा और उनके सख्त रुख के बाद प्रशासन आरोपियों के घर पर बुल्डोजर चलाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। इस बीच एक ऐसा मामला सामने आया जिसमे दिव्यांग जिसके दोनों हाथ नहीं हैं, उसने दावा किया कि उसकी गुमटी को तोड़ दिया गया क्योंकि वह दंगे में शामिल था, लेकिन बाद में यह व्यक्ति अपने बयान से ही पलट गया। घटना सामने आने के बाद नगर पालिका सीएमओ प्रियंका पटेल वसीम शेख के घर पहुंची और इसके बाद वसीम शेख का एक वीडियो जारी किया, जिसमे वह कहते हैं कि मेरी गुमटी और मकान को जिला प्रशासन ने नहीं तोड़ा है, लिहाजा किसी तरह की अफवाह ना फैलाएं।

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2005 में कट गए दोनों हाथ

2005 में कट गए दोनों हाथ

दरअसल दावा था कि प्रशासन ने वसीम शेख नाम के व्यक्ति की गुमटी को तोड़ दिया, लेकिन वसीम के दोनों हाथ 2005 में एक हादसे में कट गए थे। वसीम शेख के परिवार में कुल 5 सदस्य हैं और जिस गुमटी को प्रशासन ने तोड़ा है उसी से उनका घर चलता था। ऐसे में वसीम के दो बच्चों का भी जीवन अब इस गुमटी के टूट जाने से मुश्किल में आ गया है। 35 साल के वसीम शेख 2005 में बिजली के करंट की चपेट में आ गए थे, जिसके बाद उन्हें काफी गहरी चोट आई थी, जिसके परिणामस्वरूप वसीम के दोनों हाथ कट गए थे।

गुमटी से चलता था परिवार

गुमटी से चलता था परिवार

पहले अपने बयान में अपनी आप बीती बताते हुए वसीम शेख ने कहा था कि मेरी गुमटी को तोड़ दिया गया, इससे मैं छोटा सा बिजनेस चलाता था, कैंडी बेचता था, घर के पांच लोगों का गुजारा इसी से होता था। सरकार कह रही है कि वह दंगा करने वालों की दुकान को तोड़ रही है, लेकिन मेरे तो दोनों हाथ ही नहीं हैं, ऐसे में मैं कैसे दंगा कर सकता हूं। मैं तो पानी पीने के लिए भी दूसरों पर निर्भर हूं। मेरे पास दो बच्चे हैं, उनकी मां और मेरी मां को खिलाने तक का साधन नहीं है। सरकार की ओर से मेरी गुमटी को गिराने का नोटिस तक नहीं दिया गया, ताकि हम अपना सामान उसमे से सुरक्षित निकाल लेते।

विपक्ष हमलावर

विपक्ष हमलावर

वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि गुमटी को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। मामला सामने आने के बाद शिवराज सरकार विपक्ष के निशाने पर है। विपक्ष का कहना है कि आखिर ये कैसा न्याय है, बिना सच जाने बुल्डोजर चलाया जा रहा है। कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास ने कहा कि जिस तरह से सरकार ने आंख बंद करके बुल्डोजर चलाया है उससे वसीम की हालत सामने है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कहा कि भाजपा की हिंदुत्व विचारधारा में इंसानों के लिए कोई जगह नहीं है। गरीबों को बेघर करने के लिए कानूनी शक्तिशाली है।

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English summary
Khargone violence man who has no hands is accused in the eyes of administration.
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