मध्य प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

भाजपा की दिग्गज नेता उमा भारती की साख का सवाल बनीं अनुपमा लोधी

By Nuruddin
Google Oneindia News

टीकमगढ़। विधानसभा चुनाव जिस तेज़ी से नज़दीक आ रहा है, उसी तेज़ी से प्रदेश में चुनावी दांवपेंच ज़ोर पकड़ रहा है। आपको बता दें कि इस साल के अन्त में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव है जिसको लेकर प्रदेश में चुनावी राजनीती ज़ोरों पर है। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री उमा भारती की साख एक बार फिर दांव पर लगने वाली है। वे खरगापुर से अपने भतीजे राहुल सिंह लोधी के टिकट लॉबिंग में जुट गई हैं। 2013 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी से अड़कर उमा ने अपने भतीजे को भाजपा से टिकट दिलाया था। लेकिन तत्कालीन मुरैना कलेक्टर नरेंद्र बहादुर सिंह लोधी की पत्नी अनुपमा लोधी बसपा के टिकट पर मैदान में उतर गईं। जिसके चलते लोधी वोट राहुल और अनुपमा के बीच बंट गया और उमा के भतीजे राहुल चुनाव हार गए थे।

anupama lodhi back in vidhan sabha election

पिछले विधानसभा चुनाव में सुश्री उमा भारती ने भतीजे राहुल को जिद कर भाजपा से टिकट तो दिला दिया था। लेकिन उस समय पार्टी का एक धड़ा नहीं चाहता था,कि राहुल लोधी खरगापुर से चुनाव जीतें। यही वजह है, कि चुनाव से ठीक पहले खरगापुर में अनुपमा लोधी ने पहले बड़ा लोधी सम्मेलन किया था, फिर बसपा से टिकट लेकर राहुल लोधी की हार की बड़ी वजह बनीं।

लोधी सम्मेलन के बहाने फिर ताल ठोक रहीं अनुपमा
करीब एक सप्ताह पहले ही अनुपमा लोधी ने बुंदेलखंड के खजुराहो में राष्ट्रीय युवा लोधी सम्मेलन आयोजित कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की हैं। लोधी समाज का राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते उन्होंने देश भर से समाज के लोगों को बुलाया। इस बहाने अनुपमा लोधी ने अपने लिए सियासी ज़मीन तलाशने की कोशिश कीं। वहीं एक बार फिर खरगापुर क्षेत्र में उनकी बढ़ती सक्रियता से भाजपा नेता सकते में हैं।

क्या जनता का भरोसा जीत पाएंगी अनुपमा ?
खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में अनुपमा लोधी का प्रचार-प्रसार शुरू हो गया है। वो जनसंपर्क भी जो़र-शोर से कर रही हैं ,कई जगह दीवार लेखन भी हो गया है। लेकिन जिस तरह वो पिछले चुनाव में एका-एक चुनाव के समय सामने आईं और फिर हारने के बाद 5 साल क्षेत्र की खोज ख़बर लेने नहीं आईं ,उससे वोटर नाराज दिख रहा है। यही वजह है कि इस बार क्षेत्र की जनता उन्हें पूरी तरह सबक सिखाने के मूड में हैं।

टीकमगढ़ से रहा पुराना नाता
लोधी वोट पर अपनी दावेदारी कर सुश्री उमा भारती को चुनौती दे रहीं अनुपमा सिंह के पिता शिवदयाल लोधी टीकमगढ़ में रह चुके हैं। वो 1977 से 1983 तक टीकमगढ़ पीजी कॉलेज के हिंदी विभाग में बतौर सहायक प्राध्यापक पदस्थ रहे । 1983 में ही मिनी पीएससी के सदस्य बनने के बाद वो भोपाल शिफ्ट हो गए थे। इसके पहले विधानसभा चुनाव में शिवदयाल सिंह ने भी राजनीति में अपना भाग्य आजमाने था। उन्होंने खरगापुर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया , लेकिन 4 दिन प्रचार करने के बाद स्थानीय प्रत्याशियों के दबाव में वापस भोपाल लौट गए थे।

यह भी पढें - मुजफ्फरनगर में एक साथ कराया गया 2 दर्जन लोगों का धर्मपरिवर्तन

Comments
English summary
anupama lodhi back in vidhan sabha election
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X