Damoh News: हिन्दू बच्चों के साथ मुस्लिम बच्चे का भी धर्मांतरण कर क्रिश्चियन बना रहे थे
Madhya Pradesh के दमोह में पहली दफा चाइल्ड ट्रेफिकिंग और धर्मांतरण के मामले में मामला दर्ज किया गया है। यहां की क्रिश्चियन मिशनरी हिन्दू और आदिवासी बच्चे तो ठीक मुस्लिम बच्चे तक का धर्मांतरण करा रहे हैं। खंडवा से एक किशोर को लाकर उसे पास्टर बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। खुलासा तब हुआ जब बीती शाम राष्ट्रीय बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सदस्यों ने यहां छापामार कार्रवाई कर मिशनरी के तीन अवैध रुप से संचालित चाइल्ड होम का भंडाफोड़ किया था। उन्हीं ने पुलिस में 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी कराई है। उन्होंने खुले रुप से महिला बाल विकास विभाग व बाल कल्याण समिति के सदस्यों पर नेक्सस में शामिल होने का संदेह जताया। इनके मोबाइल भी जब्त कराए गए हैं।
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राष्ट्रीय बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग अध्यक्ष प्रिंयक कानूनगो एवं मप्र बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग के सदस्य ओंकार सिंह द्वारा मप्र के दमोह देहात थाना में कराई गई एफआईआर कराई गई है। इसके अनुसार दमोह में मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेस के नाम पर दिव्यांग बच्चों के लिए चलाए जा रहे छात्रावास में धर्मांतरण का मामला सामने आया है। यहां खंडवा से लाए 17 साल के किशोर की पढ़ाई छुड़ाकर उसे क्रिश्चियन धर्म की शिक्षा देकर पास्टर बनाने की तैयारी चल रही थी। एक मुस्लिम दिव्यांग बच्चे का भी धर्मांतरण कराया जा रहा है। अध्यक्ष के अनुसार जब वे छात्रावास का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें रोका गया। चैनल गेट पर ताला लगाया गया। बाद में बड़ी मुश्किल से पुलिस के सहयोग से तार फेंसिंग को हटाकर अंदर पहुंचे थे। यहां बच्चों को शटर के अंदर बंद किया गया था। यहां 91 बच्चे दर्ज हैं, जिसमें से 45 बच्चे ही मिले। बैथलम परिसर में जांच करने पर पाया कि एक डिंडोरी जिले का 17 वर्षीय बालक यहां पादरी बनने पहुंचा है।
अध्यक्ष
के
अनुसार
धर्मांतरण
के
साथ
ह्यूमन
ट्रेफिकिंग
का
मामला
सीपीसीआर
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
ने
बताया
कि
डिंडोरी
से
आए
किशोर
को
शिक्षा
से
दूर
कर
धर्मांतरण
करा
रहे
हैं।
यह
मामला
धर्मांतरण
और
ह्यूमन
ट्रैफिकिंग
का
भी
मामला
है।
आयोग
अध्यक्ष
के
अनुसर
उन्होंने
जब
यहां
पर
कई
तरह
की
खामियां
देखी
तो,
दर्ज
कराने
थाने
पहुंचा
था,
जहां
उन्होंने
एक
आवेदन
देकर
इस
संस्था
से
जुड़े
10
लोगों
के
खिलाफ
मामला
दर्ज
करवाया
है।
अधिकारियों
के
मोबाइल
जब्त
कराए,
थाने
में
जमा
कराए
राष्ट्रीय
बाल
आयोग
अध्यक्ष
प्रियंक
कानूनगो
व
सदस्य
ओंकार
सिंह
ने
छात्रावासों
का
औचक
निरीक्षण
किया
था,
जबकि
इसकी
सूचना
किसी
को
नहीं
थी।
उनके
दमोह
आने
का
बस
प्रोग्राम
था।
जब
वे
बाल
भवन
निरीक्षण
करने
पहुंचे
तो
वहां
वार्डन
और
बच्चे
फूल
मालाएं
लेकर
स्वागत
के
लिए
खड़े
मिले
थे।
उन्होंने
वार्डन,
महिला
बाल
विकास
अधिकारी
प्रदीप
राय,
कर्मचारियों
व
बाल
कल्याण
समिति
सदस्यों
के
मोबाइल
जब्त
कर
पुलिस
को
सौंपकर
इनकी
कॉल
डिटेल
निकलवाने
की
बात
कही
है।
Missionary: चाइल्ड होम में 194 बच्चे मिले, धर्मांतरण कराते हैं, बाल आयोग ने कराई एफआईआर
इन
लोगों
पर
दर्ज
कराया
गया
है
मामला
राष्ट्रीय
बाल
अधिकार
संरक्षण
आयोग
के
अध्यक्ष
की
शिकायत
पर
दमोह
के
देहात
थाने
में
10
लोगों
पर
एफआईआर
कराई
गई
है।
इसमें
संस्था
के
अध्यक्ष
विवर्त
लाल,
सचिव
आरडी
लाल,
शीला
लाल,
मंजुला
वार्नवास,
सानित
लाल,
जीके
हेनरी,
अर्नेस्ट,
विवेक
लाल,
इंजिला
लाल,
अजय
लाल
के
खिलाफ
धारा
370,
किशोर
न्याय
अधिनियम
की
धारा
42
व
75
मप्र
धर्म
स्वतंत्रता
अधिनियम
की
धारा
35
के
तहत
प्रकरण
दर्ज
किया
गया
है।