अलर्टः चूहे-छछूंदर दिखें तो हो जाएं सावधान, लग सकता है गंभीर रोग, जा सकती है जान
सागर, 29 अगस्त। चूहे और छछूंदर हमारे घर व आसपास साथ-साथ रहने वाले प्राणी हैं, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य और जान के दुश्मन बन सकते हैं। इन छोटे जीवों से इंसानों में स्क्रब टाइफस जैसी गंभीर व जानलेवा बीमारी फैल रही है। चूहों के शरीर पर रहने वाले घुन (Mite-Leptotrombidium delicense ) के लार्वा या बहुत ही छोटे पिस्सुओं काटने से यह बीमारी इंसानों तक पहुंच रही है। चूहों और छछूंदर से फिलहाल दूर रहने में ही भलाई है। यदि घर में इनकी मौजूदगी है तो इन्हें हटाने, भगाने के उपाए किए जाने चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग ने किया अलर्ट जारी, 8 जिलों में मिले स्क्रब टाइफस केस
मप्र स्वास्थ्य संचालनालय सतपुड़ा भवन से बीते 18 अगस्त को एक अलर्ट प्रदेश के सभी सीएमएचओ व सिविल सर्जन को भेजा गया है। इसमें जूनोटिक बीमारी स्क्रब टाइफस के अलर्ट को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि साल 2022 में प्रदेश में राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान जबलपुर लैब से मप्र के सीधी, सतना, जबलपरु, नरसिंहपुर, कटनी, सागर, तथा एम्स भोपाल वायरोलाॅजी लैब से मंदसौर जिले में स्क्रब टाइफस सक्रब टाइफस के मामले सामने आ चुके हैं। इसलिए इसकी रोकथाम और सर्वे से लेकर इलाज को लेकर गाइड लाइन के अनुसार काम किया जाए।
छतरपुर में जिस बच्चे को निकला स्क्रब टाइफस, उसके घर चूहों की भरमार
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार रविवार को छतरपुर जिले के ईसानगर के बड़ा बूढ़ा गांव में जिस परिवार में दो साल के बच्चे को आईसीएमआर जबलपुर से स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई हैं, उसके घर सर्वे टीमें पहुंची थी। टीम के सर्वे में चैंकाने वाला मामला सामने आया है। टीम ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें संक्रमित बच्चे के घर में चूहों की कई सालें बिल मिली हैं। इनके कच्चे घर में चूहों की खासी संख्या बताई गई है। परिजन ने घर में चूहे होने की पुष्टि भी की है।
स्क्रब टायफस बीमारी कैसे फैलती है
स्क्रब टायफस बीमारी ओरियेन्टा (Orientia tsutsugamushi) नामक जीवाणु से होती हैं। यह जीवाणु चूहों के ऊपर रहने वाले घुन (Mite-leptotrombidium delicense ) के संक्रमित लार्वा से होता है। चूहों के हमारे आसपास घूमने से यह मनुष्य तक पहुंच जाते हैं। इसके काटने से शरीर में फुंसी या दाना जैसा उठ जाता है। बाद में यह सिगरेट के जले के निशान जैसा बन जाता है और सूखकर काला धब्बा या निशान जैसा दिखाई देता है।
स्क्रब टायफस के क्या लक्षण हैं
बीमारी के लक्षणों की बात करें तो व्यक्ति को बुखारए सिरदर्द, जोड़ एवं मांस पेशियों में दर्द, प्रकाश की तरफ देखने में तकलीफए खांसी, शरीर के कुछ भागों में दाने निकल आते हैं। वहीं कुछ लोगों को बीमारी का प्रभाव बढ़ने से निमोनिया एवं मस्तिष्क ज्वर भी हो जाता है। इस बीमारी के लक्षण 2 सप्ताह तक रह सकते हैं।
ऐसे होती है स्क्रब टायफस की पहचान
स्क्रब टाइफस बीमारी की पुष्टि एलाईजा टेस्ट द्वारा की जाती है। फिलहाल इसकी जांच मध्य प्रदेश के जबलपुर में आईसीएमआर लैब व भोपाल एम्स की वायरोलाॅजी लैब में उपलब्ध है। जांच के लिए व्यक्ति के ब्लड सैम्पल लिए जाते हैं।
स्क्रब टायफस से बचने क्या-क्या सावधानी रखें
खाने.पीने की वस्तुओं को चूहों की पहुंच से दूर रखें। यदि खाद्य पदार्थ चूहों के सम्पर्क में आया होए तो उसका सेवन न करें। घर के आस.पास चूहों की आबादी बढ़ने से रोकने के लिए स्थानीय उपाय करें। खेतए जंगलए झाड़ियों में जाते समय पूरे कपड़े पहन कर जाएं। घासए फूंस एवं झाड़ियों पर बैठने या सोने से बचें। घर के आस.पास घास फूंस या झाड़ियां हो तो काट कर जला दें। शरीर को साबुन से धोएं और मोटे कपड़े से रगड़ कर साफ करें। शरीर पर सिगरेट के जले जैसे दिखने वाले चिन्हए सिर दर्दए शरीर दर्दए जोड़ो एवं मांसपेशियों में दर्दए तेज बुखार एवं उल्टी दस्त के लक्षण होने पर तत्काल डाॅक्टर को दिखाएं।