UP: बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई का असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा,गरीब कोटे से हुई थी भर्ती
लखनऊ/सिद्धार्थनगर, मई 26: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी के भाई डॉ. अरुण द्विवेदी ने सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है। डॉ. अरुण द्विवेदी ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। बता दें, अरुण द्विवेदी की गरीब कोटे से नियुक्ति हुई थी। मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में आने के बाद आम आदमी पार्टी से लेकर तमाम विपक्षी दलों ने शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के इस्तीफे की मांग करते हुए आंदोलन की बात कही थी।
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राजभवन ने मामले का संज्ञान लिया था
बता दें, राजभवन ने भी मामले का संज्ञान लिया था। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को सौंपी थी। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे ने बताया कि बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की ईडब्ल्यूएस कोटा से विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हुई है। उन्होंने बताया कि नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी थी और इंटरव्यू की वीडियोग्राफी कराई गई थी। अरुण द्वारा प्रस्तुत किया गया ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र प्रशासन ने जारी किया है। कुलपति ने ये भी कहा था कि नियुक्ति करते वक्त उन्हें यह नहीं मालूम था कि अरुण द्विवेदी प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई हैं। यह जानकारी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से हुई।
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व्यक्तिगत कारणों का दिया हवाला
बताया जा रहा है कि अरुण द्विवेदी ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है, जिसे कुलपति सुरेंद्र दुबे ने मंजूर भी कर लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुण द्विवेदी ने लेटर में अपनी योग्यता बताते हुए कहा कि उनका चयन निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत हुआ था, लेकिन दुर्भाग्य से उनके कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही उनके बड़े भाई सतीश द्विवेदी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। अरुण ने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि उनके कारण उनके भाई पर बेबुनियाद आरोप लगे। उन्होंने पत्र में कहा कि वह मानसिक तनाव की स्थिति से गुजर रहे हैं और उनके लिए परिवार और उनके बड़े भाई सतीश द्विवेदी की सामाजिक और राजनीतिक सम्मान से ज्यादा अहमियत किसी भी चीज की नहीं है।
अरुण ने बताया कि नवंबर 2019 में आवेदन के समय उन्होंने अपनी आर्थिक आर्थिक स्थिति के अनुसार ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र बनवाकर आवेदन दिया था। बाद में उच्च शिक्षा में सेवारत लड़की का शादी का प्रस्ताव आने पर अपने जीवन की बेहतरी का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि इस भर्ती के लिए उन्होंने सारी प्रक्रियाएं पूरी की थी और सतीश द्विवेदी की इसमें कोई भूमिका नहीं थी