मायावती ने प्रवासियों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस को बताया जिम्मेदार, पीएल पुनिया ने किया पलटवार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को लेकर सियासत जारी है। बसपा सुप्रीमो मायावती के कांग्रेस पर हमले के बाद कांग्रेस नेता पीएल पुलिस ने पलटवार किया है। बता दें मायावती ने कहा था, वर्तमान में मजदूरों की दुर्दशा है। इन पर केंद्र व प्रदेश सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब मजदूरों को उनके मालिकों ने भगा दिया, रोजगार छीन लिया तो उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया। तब मजदूर पलायन को विवश हो गए। मजदूरों को लगा कि, जब भूख से ही मरना है तो परदेश में क्यों मरें? लेकिन सबसे बड़ी दुख की बात है कि, भाजपा व कांग्रेस ने इस मसले पर आरोप-प्रत्यारोप की घिनौनी राजनीति की, तब मुझे बोलना पड़ा। मजदूरों की दुर्दशा के लिए जितनी भाजपा जिम्मेदार है, उससे कहीं अधिक कांग्रेस जिम्मेदार है।
मायावती ने कहा, आजादी के बाद देश व अधिकतर प्रदेशों में कांग्रेस का राज रहा, लेकिन दलित, किसान, मजदूरों को रोटी नहीं मिली तो उन्हें दूसरे राज्यों को पलायन करना पड़ा। बड़े पैमाने पर कांग्रेस की हुकूमत में पलायन हुआ। जब इसके खिलाफ आवाज मुखर की जाती थी तो कांग्रेस शासनकाल में कार्रवाई होती थी। जब जवाहरलाल नेहरू की सरकार में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कानून मंत्री थे तो उन्होंने अति पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की बात उठाई तो उनकी आवाज को दबा दिया गया। आखिरकार उन्होंने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस शासन काल में गरीबों की उपेक्षा होती रही।
कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने मायावती पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा- ''संकट की घड़ी में कांग्रेस ने हर दम राजनीति से दूर रहकर सरकार का सहयोग करने का काम किया है। प्रियंका व राहुल सेवा भाव मे लगे हैं। हमने भोजन राशन की व्यवस्था की, सांझी रसोई की व्यवस्था हर जिले में की। मजदूर ज्यादा कमाई के लिए बाहर जाते हैं तो अच्छा है। कांग्रेस ने ही गांव-गांव में रोजगार देने के लिए मनरेगा कार्यक्रम चलाया था। कांग्रेस ने भाजपा से कहा, बस चलाने में आप (भाजपा) क्रेडिट न दीजिए। बस से श्रमिकों को घर पहुंचा दीजिए। प्रदेश में अयोध्या, संभल, कन्नौज सहित दर्जनों जगहों पर दलितों पर हुई घटनाओं पर मायावती को कोई चिंता नहीं है।''
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