राम मंदिर भूमिपूजन के बाद फैलाना चाहते थे धार्मिक उन्माद, लखनऊ-बहराइच पुलिस ने चार SDPI सदस्यों को किया गिरफ्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ और बहराइच जिसे से एसडीपीआई (SDPI) के मीडिया प्रभारी अब्दुल मजीद समेत चार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने एसडीपीआई के चारों सदस्यों को सोशल मीडिया (फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर) के माध्यम से सांप्रदायिक सौहार्द भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि एसडीपीआई के चारों सदस्य राम मंदिर भूमिपूजन के बाद यूपी में धार्मिक उन्माद फैलाना चाहते थे।
मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के काकोरी में पुलिस ने एसडीपीआई के मीडिया प्रभारी अब्दुल मजीद को गुरुवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसे काकोरी के एक किराए के मकान में रह रहा था। मजीद ने राम मंदिर शिलान्यास के बाद सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट की थी। मूलरूप से दिल्ली के रामनगर शाहदरा निवासी अब्दुल मजीद फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप समेत अन्य सोशल साइट पर राम मंदिर के साथ कश्मीर मुद्दे को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट डाल रहा था। प्रभारी निरीक्षक काकोरी प्रमेंद्र सिंह ने बताया कि अब्दुल मजीद पांच अगस्त से रिटर्न बाबरी लैंड टू मुस्लिम और रिटर्न आर्टिकल 370 का अभियान चला रहा था।
बहराइच
में
भी
तीन
गिरफ्तार
सुरक्षा
एजेंसियों
के
इनपुट
पर
गुरुवार
को
बहराइच
पुलिस
ने
छापामारी
कर
डॉ.
अलीम
अहमद,
साहिबे
आलम
और
कमरुद्दीन
गिरफ्तार
कर
लिया
गया।
खुफिया
एजेंसियों
के
अनुसार
तीनों
आरोपी
एसडीपीआई
के
सक्रिय
सदस्य
हैं।
इसके
साथ
ही
इनके
नेटवर्क
को
खंगालने
में
खुफिया
एजेंसियां
जुटी
हुई
हैं।
पुलिस
के
मुताबिक,
यह
लोग
अयोध्या
कार्यक्रम
के
जरिए
विशेष
समुदाय
के
लोगों
में
आक्रोश
फैलाना
चाह
रहे
थे।
इनकी
मदद
दिल्ली,
लखनऊ
व
सऊदी
अरब
में
बैठे
लोग
आर्थिक
रूप
से
कर
रहे
थे।
इनमें
साहिबे
आलम
एसडीपीआइ
का
पूर्व
जिलाध्यक्ष
है।
एसपी
डॉ.
विपिन
मिश्र
ने
बताया
गिरफ्तार
तीन
आरोपित
अयोध्या
मामले
में
उन्माद
फैलाने
की
कोशिश
में
लगे
हुए
थे।
इनके
नेटवर्क
को
खंगाला
जा
रहा
है।
वहीं,
डीजीपी
मुख्यालय
ने
सोशल
मीडिया
पर
धार्मिक
पोस्ट
धार्मिक
उन्माद
फैलाने
वाले
मामले
की
निगरानी
करने
के
लिए
सोशल
मीडिया
की
एक
स्पेशल
टीम
को
लगा
रखी
हैं।