लॉकडाउन: पति के साथ भूखे पेट 100 किमी चली आठ महीने की प्रेग्नेंट महिला, लोगों ने की मदद
लखनऊ। लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के पलायन की तस्वीरें ने पूरे देश को हिलाकर रखा दिया था। इसमें दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल है। आठ महीने की गर्भवती महिला नोएडा से अपने पति के साथ अपने गांव जालौन के निकल पड़ी। तो वहीं, दूसरी महिला अपने पति के साथ सहारनपुर से बुलंदशहर अपने गांव के निकल पड़ी। बता दें कि दोनों महिलाओं ने करीब 200 किमी और 100 किमी पैदल चलकर अपने गांव पहुंची।
पहला मामला नोएडा जिले का है। दरअसल, आठ महीने की गर्भवती अंजु देवी (25) और उसका पति नोएडा में पिछले 5 साल के कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान अंजु देवी और उसका पति नोएडा से अपने गांव जालौन के लिए निकल पड़ी। अंजु ने 200 किमी पैदल चलकर दो दिन-दो रात का सफर तय किया और अपने गांव राठ पहुंची। इस दौरान उसे भयंकर पेट दर्द हुआ। अंजु के पति अशोक (28) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गए और चेकअप कराया। डॉक्टरों ने थर्मल स्क्रीनिंग की और दंपती को स्वस्थ बताया।
अशोक एक भूमिहीन किसान हैं और नोएडा में कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करते हैं। वह किसी तरह अपनी पत्नी के साथ पैदल चलते हुए 200 किमी का सफर करके उरई पहुंचे। वहां उन्हें एक लोडर मिला जिसमें सवार होकर वह राठ पहुंचे। अंजु के ससुराल ने उनके घर पहुंचने पर राहत की सांस ली। वे लगातार फोन पर उनसे संपर्क में थे और उनकी सुरक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे।
वहीं, दूसरा मामला सहारनपुर का है। यहां आठ महीने की प्रग्नेंट महिला और उसका पति बगैर खाए, पीए ही अपने घर के लिए चल पड़े। 100 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करने के बाद दंपति जब मेरठ पहुंचे तो वे बेहाल हो चुके थे। उन्हें मेरठ के लोगों ने आर्थिक सहायता और एम्बुलेंस की पेशकश की। बता दें कि महिला का पति वकील सहारनपुर की एक फैक्टरी में काम करता था और उसके मालिक ने लॉकडाउन की घोषणा के बाद उसे पैसे दिए बगैर ही घर जाने को कह दिया। यही वजह है कि दंपति मजबूरी में सहारनपुर से बुलंदशहर अपने गांव के लिए निकल पड़ा था।
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