कमलेश तिवारी हत्याकांड: DGP ने कहा, 2015 में दिया भड़काऊ भाषण बना हत्या की वजह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड का यूपी पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा कर दिया है। यूपी डीजीपी ओम प्रकाश सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि घटनास्थल से जांच के दौरान मिले मिठाई के डिब्बे से अहम सुराग मिले और गुजरात पुलिस की मदद से तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक की जांच में इसके पीछे किसी आतंकी संगठन की संलिप्तता नहीं मिली है।
2015
का
भड़काऊ
भाषण
बना
हत्या
की
वजह
प्रेंस
कॉन्फ्रेंस
में
डीजीपी
ने
प्रारंभिक
जांच
और
पूछताछ
के
आधार
पर
बताया
कि
2015
के
बयान
के
कारण
इस
घटनाक्रम
को
अंजाम
दिया
गया
है।
2015
में
दोनों
मौलानाओं
ने
कमलेश
के
सिर
पर
इनाम
रखा
था।
इनकी
भी
जांच
की
जा
रही
है।
अभी
शुरुआती
जांच
में
इन
मौलानाओं
के
ऐलान
और
सूरत
में
हिरासत
में
लिए
गए
3
आरोपियों
के
बीच
संबंध
खंगाला
जा
रहा
है।
ऐसा
लगा
रहा
है
कि
साम्प्रदायिक
भावनाएं
भड़काकर
हत्याकांड
करवाया
गया
है।
दरअसल
हिंदू
महासभा
के
अध्यक्ष
रहे
कमलेश
तिवारी
ने
पैगंबर
मोहम्मद
साहब
के
खिलाफ
अमर्यादित
टिप्पणी
की
थी।
इस
मामले
में
कमलेश
को
रासुका
(राष्ट्रीय
सुरक्षा
कानून)
के
तहत
गिरफ्तार
कर
जेल
भेजा
गया
था।
तीनों
शख्स
को
लखनऊ
ला
सकती
है
स्पेशल
टीम
डीजीपी
की
मानें
तो
प्रारंभिक
विवेचना
से
स्पष्ट
है
कि
तीनों
इस
हत्याकांड
में
शामिल
रहे
हैं।
तीन
संदिग्धों
मौलाना
मोहसिन
शेख,
फैज़ान,
रशीद
अहमद
पठान
से
पूछताछ
हो
रही
है।
दो
और
संदिग्धों
को
पूछताछ
के
बाद
छोड़ा
गया।
ये
तीनों
कमलेश
तिवारी
की
हत्या
की
साज़िश
में
शामिल
हैं,
जिन्होंने
हत्या
को
अंजाम
दिया
है
उनकी
तलाश
चल
रही
है।
लखनऊ
से
स्पेशल
टीम
तीनों
को
रिमांड
पर
लखनऊ
ला
सकती
है।