सीएम योगी ने लिया पराली जला रहे किसानों पर पुलिसिया कार्रवाई का संज्ञान, कहा- बदसलूकी नहीं, उनको जागरूक करें
लखनऊ। वायु प्रदूषण की मार से उत्तर प्रदेश इस बार बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। धुआं युक्त खराब हवा के लिए पराली को जिम्मेदार बताया जाता है जिसे किसान खेत में जलाते हैं। इस बार पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए पुलिस सख्ती कर रही है जिस पर विरोधी योगी सरकार पर हमलावर हुए हैं। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका संज्ञान लिया है और कहा है कि किसी भी हालत में पराली जलाने के मामले में किसानों से बदसलूकी सहन नहीं की जाएगी। सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि किसानों को इसके लिए जागरूक किया जाय कि पराली जलाने से क्या नुकसान हैं।
सीएम योगी ने कहा कि पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में सरकार पहले ही गाइडलाइन जारी कर चुकी है। इस बारे में किसानों को जागरूक किए जाने की जरूरत है और इसके लिए अभियान चलाया जाय। किसानों को यह बताया जाय कि पराली जलाने से पर्यावरण के साथ-साथ मिट्टी की ऊपजाऊ शक्ति को भी नुकसान होता है। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है। सीएम योगी ने कहा कि जलाने के बजाय किसानों को उन योजनाओं का लाभ लेना चाहिए जिनसे पराली को निस्तारित कर उसे उपयोगी बनाया जा सकता है।
सीएम ने कहा कि सरकार कृषि यंत्रों के लिए अनुदान दे रही है और कई जगहों पर किसान इनका उपयोग कर पैसे कमा रहे हैं। अन्य किसानों को भी उनसे सीख लेनी चाहिए। किसानों को इस बारे में बताना चाहिए। पराली जलाने से फसल के लिए सर्वाधिक जरूरी पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (एनपीके) के साथ अरबों की संख्या में भूमि के मित्र बैक्टीरिया और फफूंद भी जल जाते हैं। यही नहीं, बाद में भूसे की भी किल्लत बढ़ जाती है।