3 नवंबर से अखिलेश विकास रथ लेकर निकलेंगे, सपा के रजत जयंती कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे
अखिलेश यादव ने ऐलान कर दिया है कि वह 3 नवंबर से अकेले ही विकास रथ लेकर निकलेंगे। इस बाबत उन्होंने सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह को भी जानकारी दे दी है। उन्होंने युवा नेताओं को इस विकास रथ के लिए तैयार रहे
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया लाख दावा करें कि पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक है लेकिन एक के बाद एक हर बार पार्टी के भीतर का विरोध लोगों के सामने खुलकर आया है। इस बार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मोर्चा संभाला है।
29 राज्य, 12000 किमी, 20600 शहीद, एक साइकिल और श्रद्धांजलि
मुलायम
सिंह
यादव
को
दी
जानकारी
अखिलेश
यादव
ने
ऐलान
कर
दिया
है
कि
वह
3
नवंबर
से
अकेले
ही
विकास
रथ
लेकर
निकलेंगे।
इस
बाबत
उन्होंने
सपा
अध्यक्ष
मुलायम
सिंह
यादव
को
भी
जानकारी
दे
दी
है।
उन्होंने
युवा
नेताओं
को
इस
विकास
रथ
के
लिए
तैयार
रहने
को
कहा
है।
यूपी का एक सरकारी प्राइमरी स्कूल जो टक्कर देता है किसी कॉन्वेंट स्कूल को
पहले
भी
रद्द
हो
चुका
है
कार्यक्रम
अखिलेश
यादव
ने
विकास
रथ
के
लिए
तमाम
युवा
नेताओं
और
कार्यकर्ताओं
से
तैयार
रहने
के
निर्देश
दिए
हैं।
आपको
बता
दें
कि
इसस
पहले
3
अक्टूबर
को
शुरु
होने
वाले
विकास
रथ
को
पारिवारिक
कलह
की
वजह
से
रद्द
कर
दिया
गया
था।
युथ
विंग
ने
पूरी
कर
ली
तैयारी
उत्तर
प्रदेश
बड़ा
राज्य
है
इस
लिहाज
से
जनता
तक
अपने
विकास
के
कामों
की
जानकारी
पहुंचाने
के
लिए
अखिलेश
यादव
कोई
भी
कोताही
नहीं
बरतना
चाहते
हैं,
लिहाजा
उन्होंने
विकास
रथ
को
अकेले
लेकर
निकलने
का
फैसला
लिया
है।
इस विकास रथ के लिए यूथ विंग की तरफ से तैयारी पूरी कर ली गई है। विकास रथ के बारे में आज अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव से तकरीबन एक घंटे तक मुलाकात की जिसके बाद इस बात पर सहमति बन गई है।
रजत
जयंती
के
कार्यक्रम
में
नहीं
होंगे
शामिल
लेकिन
यहां
गौर
करने
वाली
बात
यह
है
कि
5
नवंबर
को
समाजवादी
पार्टी
के
रजत
जयंती
के
कार्यक्रम
में
वह
शामिल
नहीं
होंगे।
इस
कार्यक्र
में
शिवपाल
सिंह
यादव,
मुलायम
सिंह
यादव
सहित
तमाम
नेता
जुटेंगे।
कार्यक्रम
की
खास
बात
यह
है
कि
इसके
संचालन
की
जिम्मेदारी
गायत्री
प्रजापति
को
दी
गई
है।
इस लिहाज से देखा जाए तो अखिलेश यादव की शिवपाल यादव और मुलायम सिंह यादव के साथ मंच साझा करने से बच रहे हैं। वह हर संभव यह कोशिश कर रहे हैं कि उनकी छवि और राय उन तमाम फैसलों से अलग हैं जिनकों लेकर सपा परिवार और सरकार घिरी हुई है।