जानिए क्या है देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे की खासियत
जानिए क्या है आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे की खासियत, कैसे यह 23 महीने में बनकर हुआ तैयार और लखनऊ से दिल्ली के बीच की दूरी को कम करने मे होगा अहम
लखनऊ। देश को आज सबसे लंबा एक्सप्रेस वे मिलने जा रहा है। आगरा से लखनऊ के बीच बने इस एक्सप्रेस वे की दूरी 302 किलोमीटर है जो लखनऊ से कई शहरों को आगरा के बीच जोड़ेगा।
23 महीने, 13200 करोड़ रुपए का खर्च
इस एक्सप्रेस वे को रिकॉर्ड 23 महीने में बनाकर तैयार किया गया है, जोकि मुख्य रूप से लखनऊ से होते हुए फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, हरदोई, कानपुर और उन्नाव होते हुए जाएगा। देश के इस सबसे लंबे एक्सप्रेस वे को बनाने में कुल 13200 करोड़ रुपए का खर्च आया है, यह एक्सप्रेस वे दिसंबर माह से आम जनता के लिए खोला जाएगा।
बिना विवाद 30,000 किसानों ने दी जमीन
इस एक्सप्रेस वे को बनाने के लिए 3500 हेक्टेअर की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, जिसमें 232 गांवों व 10 जिलो की जमीन को अधिग्रहीत किया गया था। इस जमीन के अधिग्रहण में किसानों और सरकार के बीच आपसी सहमति के बाद ही लिया गया था। अधिग्रहण में 30,000 किसानों ने अपनी सहमति दी थी।
विकास के नए रास्ते खुलेंगे
एक्सप्रेस वे पर मैनपुरी और कन्नौज में किसान मंडी की भी स्थापना की गई है। इसके अलावा इस एक्सप्रेस वे पर स्मार्ट सिटी लॉजिस्टिक पार्क और फिल्म सिटी भी बनाए जाने की योजना है।
पर्यावरण का रखा गया है खयाल
पर्यावरण का भी इस एक्सप्रेस वे पर खास खयाल रखा गया है। ग्रीन बेल्ट बनाने के लिए एक्सप्रेस वे पर दोनों तरफ 5 लाख पेड़-पौधे लगाए गए हैं। इस एक्सप्रेस वे कुल 132 ओवरब्रिज हैं जबकि 59 अंडरपास बनाए गए हैं, जिससे कि इस रूट पर बसे गांवों और शहरों के लोगों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो।
समय और ईधन दोनों की होगी बचत
ऐसा दावा किया जा रहा है कि लखनऊ से आगरा के बीच की दूरी महज 3.5 घंटों में तय की जा सकती है। जबकि लखनऊ से दिल्ली के बीच की दूरी को 5-6 घंटे में तय किया जा सकता है। जिससे ना सिर्फ लोगों का समय बचेगा बल्कि ईधन की खपत भी कम होगी।
जेट उतरेंगे पर यातायात नहीं रुकेगा
यह एक्सप्रेस इसलिए भी अन्य एक्सप्रेस वे से खास हो जाता है क्योंकि इसपर आपात समय में फाइटर जेट भी लैंड कर सकते हैं। इसकी खासियत यह है कि जिस वक्त यह जेट लैंड करेंगे उस वक्त सड़क पर चल रहा यातायात बिल्कुल भी बाधित नहीं होगा और दोनों तरफ का ट्रैफिक चलता रहेगा। इसके लिए 3..3 किलोमीटर की हवाई पट्टी अलग से इस एक्सप्रेस वे पर बनाई गई है।