एडीएम की हत्या में सुप्रीम कोर्ट से बरी वासिफ ने योगी सरकार पर ठोंका 15 करोड़ का क्षतिपूर्ति दावा
कानपुर। सुप्रीम कोर्ट से रिहाई के बाद अब वासिफ हैदर ने राज्य सरकार पर 15 करोड़ 1 लाख 23 हजार 240 रुपए क्षतिपूर्ति का दावा ठोंका है। सिविल जज सीनियर डिवीजन मोहम्मद रफी ने राज्य सरकार को नोटिस देकर मामले का ब्योरा देने को कहा है। अगली सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख तय की है।
एडीएम वित्त की हत्या के मामले में माना गया था दोषी
बता दें, 16 मार्च 2001 को नई सड़क पर तत्कालीन एडीएम वित्त सीपी पाठक की दंगे के दौरान हत्या हो गई थी। पुलिस ने वासिफ हैदर को हत्या का दोषी मानते हुए चार माह बाद गिरफ्तार कर लिया। वासिफ उस समय एक मेडिकल कंपनी में एरिया सेल्स मैनेजर थे और वार्षिक वेतन एक लाख 23 हजार 209 रुपए था।
आठ साल काटी जेल
पुलिस ने वासिफ हैदर पर विभिन्न थानों में राष्ट्रद्रोह, दंगा भड़काने, हत्या, विस्फोटक अधिनियम, गैर कानूनी तरीके से असलहा रखने समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था। वह आठ साल जेल में रहे। लोवर कोर्ट ने वासिफ को हत्या में दोषी पाया, लेकिन हाईकोर्ट से रिहा हो गया। राज्य सरकार फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन वहां कोई चश्मदीद गवाह उपलब्ध नहीं करा सकी और न ही कोई शिनाख्त कर पाया। 10 दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने भी वासिफ को रिहा कर दिया था।
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