कानपुर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

फैज की कविता के हिंदू विरोधी होने की जांच नहीं करेगा IIT कानपुर

Google Oneindia News

कानपुर। फैज अहमद फैज की मशहूर कविता 'हम देखेंगे' के हिंदू विरोधी होने की जांच के लिए समिति बनाए जाने की खबरों का आईआईटी कानपुर प्रशासन ने खंडन किया है। डिप्यूटी डायरेक्टर ने कहा कि ऐसी शिकायत मिली कि संस्थान में विरोध प्रदर्शन के दौरान फैज की कविता छात्रों ने पढ़ी जिससे लोगों की भावना आहत हुई, सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट भी किए गए। शिकायत यह भी है कि मार्च में कुछ लोगों ने व्यवधान डालने की कोशिश की। इन सभी शिकायतों की जांच के लिए संस्थान के डायरेक्टर ने समिति बनाई है।

IIT Kanupur will not investigate Faiz poem to be anti hindu

डिप्यूटी डायरेक्टर ने यह कहा
मनींद्र अग्रवाल ने बताया कि संस्थान में बनाई गई समिति सभी शिकायतों की जांच कर डायरेक्टर को यह सुझाव देगी कि कौन सी शिकायत सही है और कौन सी गलत। जिस कविता को लेकर आईआईटी कानपुर में विवाद चल रहा है उसे फैज अहमद फैज ने 1979 में लिखी थी। फैज ने यह नज्म पाकिस्तान के तानाशाह जिया उल हक के सैनिक शासन के खिलाफ लिखी थी। फैज वामपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव रखते थे। वह अपने क्रांतिकारी लेखन के लिए दुनिया में मशहूर हुए और इस वजह से कई सालों तक उनको जेल में भी रहना पड़ा था।

छात्रों ने दी थी इस पर सफाई
खबरों के मुताबिक, इस मामले की शिकायत आईआईटी के एक प्रोफेसर ने की थी। आईआईटी कानपुर स्टूडेंट मीडिया पोर्टल पर प्रकाशित एक आलेख में छात्रों ने सफाई देते हुए यह बताया कि उस दिन हुआ क्या था और किस तरह से उनके गाये नज्म को सांप्रदायिक रंग दे दिया गया। कहा कि जामिया में पुलिस लाठीचार्ज के संदर्भ में उन्होंने फैज की लिखी हुई नज्म की कुछ पंक्तियों को गाया था।

Comments
English summary
IIT Kanupur will not investigate Faiz poem to be anti hindu
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X