बाल संरक्षण गृह भेजी गई अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे, किशोर न्याय बोर्ड ने माना था नाबालिग
कानपुर। बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात हुए शूटआउट कांड में साजिशकर्ता बताकर कानपुर पुलिस नवविवाहिता खुशी दुबे (अमर दुबे की पत्नी) को जेल भेज दिया था। हालांकि, किशोर न्याय बोर्ड ने खुशी को नाबालिग माने हुए बाल संरक्षण गृह के आदेश कानपुर पुलिस को दिए थे। तो वहीं, 14 सितंबर की शाम कानपुर पुलिस ने खुशी को बाल संरक्षण गृह बाराबंकी (Barabanki) में शिफ्ट कर दिया।
खुशी दुबे के वकील ने 16 साल 10 माह बताई थी उम्र
दरअसल, खुशी के पिता श्यामलाल तिवारी के वकील की ओर से एक प्रार्थना पत्र न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (एंटी डकैती कोर्ट) में दाखिल किया गया था। जिस पर 13 अगस्त को सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (एंटी डकैती कोर्ट) ने खुशी की आयु निर्धारण के लिए फाइल बोर्ड को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे। खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित का कहना था कि खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है। शैक्षिक प्रमाण पत्रों से इसकी पुष्टि भी होती है।
कोर्ट ने खुशी दुबे को माना था नाबालिग
किशोर होने के बावजूद पुलिस ने खुशी को एक माह से जेल में रखा है। इस पर उन्होंने एंटी डकैती कोर्ट में खुशी को किशोर घोषित करने के लिए अर्जी दाखिल की। वहीं अब खुशी बालिग है या किशोर, इसका फैसला किशोर न्याय बोर्ड करेगा। लंबी सुनवाई के बाद 1 सितंबर को कानपूर देहात के किशोर न्याय बोर्ड ने अपने आदेश में खुशी को नाबालिग माना है। तो वहीं, खुशी के अधिवक्ता ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अब हम उसकी जमानत की अपील करेंगे। पुलिस ने गलती की है, उसको गलती सुधारनी चाहिए।
21 अगस्त 2003 में हुआ था खुशी का जन्म
खुशी के अधिवक्ता ने बताया कि शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर खुशी का जन्म 21 अगस्त 2003 को हुआ था। उम्र की पुष्टि के लिए हाईस्कूल का प्रमाण पत्र व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र भी पेश किए। इसके आधार पर बोर्ड ने खुशी को नाबालिग मान लिया और फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है। आपको बता दें कि खुशी को पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे का सहयोगी बताकर जेल भेज दिया था।
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