दोस्त काशीराम के परिजनों को ढांढस बंधाने तिलवासनी गांव पहुंचे CM गहलोत, बोले-'पिपाड़ा मेरा दूसरा घर'
जोधपुर, 19 अप्रैल। राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार सुबह जोधपुर जिले के तिलवासनी गांव पहुंचे। हेलीपैड से सीधे अपने पुराने मित्र काशीराम के निधन पर संवेदना व्यक्त करने उनके घर पहुंचे।
CM ने अपने बरसों पुराने मित्र की फोटो पर पुष्प अर्पित किए। पुरानी स्मृतियों को याद कर एक बार गहलोत भावुक नजर आए। थोड़ी देर तक वे तस्वीर को निहारते रहे। फिर उन्होंने स्वयं को संभाला और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया।
गहलोत आज जयपुर से हेलिकॉप्टर से सीधे तिलवासनी गांव पहुंचे। हेलीपैड पर जोधपुर से गए कांग्रेस नेता पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड अध्यक्ष राजेंद्र सोलंकी, नगर निगम उत्तर महापौर कुंती देवड़ा परिहार, पीपाड़ प्रधान सोनिया चौधरी, मुन्नी देवी गोदारा, उप जिला प्रमुख विक्रम विश्नोई, लूणी विधायक महेन्द्र विश्नोई ,लोहवट विधायक किशनाराम,बिलाडा विधायक, हीरालाल, महिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष संगिता बेनीवाल ने उनकी अगवानी की।
इन नेताओं से औपचारिक बात कर वे सीधे काशीराम के घर पहुंचे। यहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। गहलोत ने सबसे पहले काशीराम को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद गहलोत ने काशीराम के परिजनों के पास बैठ उनसे बात की। थोड़ी देर यहां ठहरने के बाद वे पीपाड़ के लिए रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हेलीकॉप्टर से ही पीपाड़ पहुंचे पीपाड़ में उन्होंने सत्यनारायण शर्मा के निधन पर उनके परिवार जन से मिले और सत्यनारायण शर्मा की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की उन्होंने सत्यनारायण शर्मा के बेटे पत्नी पुत्री व परिवार जन से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया।
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उसके बाद सीधे जैन मुनि संत हीरामणि शास्त्री का आशीर्वाद लिया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुणे पीपाड़ महिला कॉलेज में बने हेलीपैड स्थल पहुंचे। यहां पर भी काफी संख्या में आमजन मौजूद थे। उनसे मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके पश्चात कुछ नेताओं से निजी मुलाकात की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर के लिए प्रस्थान होने से पहले मीडिया से बात की।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह पीपाड़ मेरा दूसरा घर है। मैंने पढ़ाई पूरी करने के पश्चात यहां पर पहले दुकान खोली थी। यहां में हमारे साथी काशीराम के निधन पर उनके या शोक व्यक्त करने के लिए आया हूं और पीपाड़ आने से मेरी पुरानी यादें ताजा हो गई। यहां पर मुझे कई पुराने साथी मिले हैं। उनसे मिलकर मुझे अच्छा लगा। इसके बाद गहलोत जयपुर के लिए रवाना हो गए।