झारखंडः जब मजदूर ने फोन कर कहा कि सर खाना नहीं मिला है तो IAS ने कहा- ट्रेन से कूद जाओ
रांची। एक तरफ जहां राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के अधिकारियों का बेतुका रवैया नजर आ रहा है। प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की जिम्मेदारी सीनियर आईएएस अधिकारी एपी सिंह को दी गई है। लेकिन मजदूरों को लेकर उनके व्यवहार का खुलासा एक वायरल ऑडियो से हुआ है। कथित तौर पर इस ऑडियो में एक मजदूर और एपी सिंह की बातचीत है, जिसमें मजदूर एपी सिंह से ट्रेन में खाना न मिलने की शिकायत करता है।
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करीब तीन लाख मजदूरों को लाया गया
इसके जवाब में एपी सिंह ने मजदूर से फोन पर ट्रेन से कूद जाने की बात कही। हालांकि हम आपको बता दें कि इस ऑडियो क्लिप की सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं। संकट की इस घड़ी में मजदूरों को मदद के लिए सरकार और निजी संस्थाएं भी सामने आई हैं। मजदूरों को वापस अपने प्रदेश लाया जा रहा है ताकि वो अपने घर पहुंच सके। झारखंड में अभी तक करीब तीन लाख प्रवासी मजदूर घर वापस आ चुके हैं।
प्रदेश में 15 से ज्यादा नोडल अधिकारी नियुक्त हैं
ट्रेन, बस, ट्रक, पैदल जिसके जैसे हुआ घर लौटे हैं। लेकिन इस हालात में राज्य के एक वरिष्ठ आईएएस का इस तरह असंवेदनशील रुख काफी हैरान करने वाला है। झारखंड सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए 15 से ज्यादा आईएएस अधिकारियों को राज्यवार नोडल अधिकारी बनाया गया। इस व्यवस्था को हेड सीनियर आईएएस एपी सिंह ही कर रहे है। एपी सिंह सीधे चीफ सेक्रेट्री को रिपोर्ट करते हैं।
नोडल अधिकारियों के हेड हैं आईएएस एपी सिंह
मुसीबत में फंसे प्रवासी मजदूर मदद मांग सके, इसलिए हर नोडल अधिकारी का नंबर जारी किया गया है। लेकिन एपी सिंह की इस बात को सुनकर हर कोई सकते में है। झारखंड की बात करें तो यहां अभी तक लगभग तीन लाख प्रवासी मजदूर घर वापस आ चुके हैं। ट्रेन, बस, ट्रक, पैदल जिसके जैसे हुआ घर लौटे हैं। लेकिन इस हालात में राज्य के एक वरिष्ठ नौकरशाह का इस कदर असंवेदनशील रुख शर्मिंदा करने वाला है।
प्रवासी मजदूर ने आईएएस अधिकारी को फोन किया
ऑडियो
क्लिप
की
बातचीत
प्रवासी
मजदूरः
हैलो
सर,
हेलो...हेलो....
एपी
सिंह
:
हेलो...
प्रवासी
मजदूरः
हेलो
सर
नमस्कार...
एपी
सिंह
:
नमस्कार...
प्रवासी
मजदूरः
ये
फोन
एपी
सिंह
सर
के
पास
लगा
है.
एपी
सिंह:
कौन
आप
बोल
रहे
हैं...
मजदूर ने खाना न मिलने पर की था शिकायत
प्रवासी
मजदूरः
हम
लोग
झारखंड
के
प्रवासी
मजदूर
बोल
रहे
हैं.
स्पेशल
ट्रेन
से
वापस
आ
रहे
हैं
सर...
सुबह
से
खाना
नहीं
मिला
है...भूख
से
परेशान
हो
गए
हैं
हम
लोग...
एपी
सिंह:
अच्छा...खाना
रेलवे
को
देना
है...रेलवे
देगा
खाना...
प्रवासी
मजदूरः
कब
देगा
सर...सुबह
में
खाली
एक
पैकेट
ब्रेड..एक
केला
और
एक
बोतल
पानी
दिया
है...उसी
में
दिन
भर
काटना
पड़
रहा
है
सर...कैसे
क्या
करें...
एपी
सिंह:
कूद
जाइये
वहां
से...और
क्या
करिएगा...
प्रवासी
मजदूरः
कूद
जाने
से
अच्छा
रहेगा
क्या...
एपी
सिंह:
रास्ते
में
जो
देना
है
वो
हमको
नहीं
रेलवे
को
देना
है...
और मजबूर मजदूर ने बिस्तर पर पड़ी बीमार मां को जिन्दा जला दिया, क्योंकि?