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मरने से पहले अपनी आंखें दान करना चाहती है 9 साल की बेटी, लेकिन मजबूर बाप नहीं पूरी कर पा रहा आखिरी इच्छा

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बोकारो। अपने बच्चों की जिद्द और इच्छा पूरी करने के लिए मां-बाप जमीं आसमां एक कर देते हैं। लेकिन इस अभागे माता-पिता की किस्मत को कुछ और ही मंजूर है कि वो चाहकर भी अपनी बेटी की आखिरी इच्छा को पूरी नहीं कर सकते हैं। अपनी लाडली की अंतिम इच्छा को पूरा करने में असमर्थ्य नजर आ रहे हैं। दरअसल, 9 वर्षीय बेटी की एक आखिरी इच्छा यह है कि वो दुनिया को छोड़ने से पहले अपनी आंखों को दान कर किसी दूसरे की जिंदगी को उजाला कर सके। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।

ब्लड कैंसर से पीड़ित है मासूम

ब्लड कैंसर से पीड़ित है मासूम

9 वर्षीय रीमा ब्लड कैंसर से पीड़ित है, जो अपने आखरी सफर में जाने से पहले अपनी आंखों को डोनेट करना चाहती है। लेकिन पिता अपनी बेटी की आखिरी इच्छा भी पूरी नहीं कर पा रहा है। ऐसे में इस मासूम के माता-पिता का अब रो-रो कर बुरा हाल है। रीमा के माता-पिता अपनी लाडली को बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं। लेकिन इस गंभीर बीमारी के आगे वो भी बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं।

आंखें दान करना चाहती है मासूम

आंखें दान करना चाहती है मासूम

ऐसे में अब परिवार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, बोकारो के सिविल सर्जन की मानें तो ये गंभीर बीमारी है और इस मासूम के लिए कुछ नहीं कर पाने का उनको भी इस बात की मलाल है। सिविल सर्जन ने कहा कि, इस मासूम ने आंख डोनेट करने का जो संदेश देने का काम किया है, वो काबिले तारीफ है। लेकिन अफसोस है कि कैंसर के चलते इसकी ये आखिरी इच्छा भी पूरी नहीं हो पा रही है।

ब्लड कैंसर के कारण बच्ची नहीं कर पा रही है दान

ब्लड कैंसर के कारण बच्ची नहीं कर पा रही है दान

वहीं, पिता ने बताया कि, 17 महीनों तक मुम्बई स्थित अस्पताल और रांची में भी बेटी का इलाज कराया. लेकिन सभी अस्पताल के डॉक्टरों ने जवाब दे दिया है। उन्होंने इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि, 'मैं चाहता हूं कि मेरी बेटी दुनिया में मौजूद रहे। लेकिन अगर ऊपर वाले की मर्जी से किसी तरह की अप्रिय घटना मेरी बेटी के साथ घटती है तो, उसकी आंखों को किसी दूसरे के लिए दान करना चाहता हूं, ताकि किसी दूसरे की आंखों की रोशनी बनकर मेरी बेटी दुनियां में मौजूद रहे।

डॉक्टरों ने साफ तौर पर मना किया

डॉक्टरों ने साफ तौर पर मना किया

हालांकि इन सबके बावजूद कुदरत को कुछ और ही मंजूर है। पिता को उस वक्त धक्का लगा जब आंखें दान करने को लेकर रांची स्थित कश्यप हॉस्पिटल की एमडी डॉ भारती कश्यप से संपर्क किया और उन्होंने इस प्रकार की बीमारी से ग्रसित मरीजों के अंगों का दान करने से साफ मना कर दिया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की बीमारी के ग्रसित लोगों के अंगों का दान नहीं किया जा सकता।

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English summary
bokaro 9 year old girl want donate her eye but not possible
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