JK Voting Rights : CEO का फैसला विवादों में, महबूबा बोलीं, '...ताबूत की आखिरी कील', फारूक ने बुलाई बैठक
जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों को वोटिंग राइट्स देने पर पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ये लोकतंत्र की ताबूत में आखिरी कील है। jk voting rights mehbooba mufti last nail in coffin
श्रीनगर, 18 अगस्त : जम्मू-कश्मीर के चुनाव में बाहर से जाकर अस्थायी तौर पर वहां रहने वाले लोगों को भी मतदान का अधिकार दिया गया है। इस पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि ये फैसला लोकतंत्र की ताबूत में आखिरी कील की तरह है। PDP chief Mehbooba Mufti Voting Rights पर प्रदेश के निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारी आमतौर पर जम्मू-कश्मीर में नौकरी, शिक्षा या व्यवसाय के लिए रहने वाले बाहरी लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकृत होने की अनुमति नहीं दे सकते।
फारूक अब्दुल्ला ने बुलाई बैठक
चुनाव आयोग द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में बाहरी लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकरण की अनुमति दिए जाने पर नाखुशी जाहिर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDP) सुप्रीमो महबूबा ने कहा, चुनाव आयोग का फैसला 'लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील' है। उन्होंने कहा कि आयोग ऐसा फैसला नहीं कर सकता। इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सभी पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है।
Dr Farooq Abdullah has invited leaders of all political parties for a meeting to discuss the recent announcement by the J&K govt regarding inclusion of non-locals in the voter lists. He personally spoke to the leaders & requested them to attend the meet at 11 AM on Mon, 22nd Aug.
— JKNC (@JKNC_) August 18, 2022
लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील
जम्मू कश्मीर निर्वाचन आयोग द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में बाहरी लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकरण की अनुमति दिए जाने पर नाखुशी जाहिर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDP) सुप्रीमो महबूबा ने कहा, चुनाव आयोग का फैसला 'लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील' है। उन्होंने कहा कि आयोग ऐसा फैसला नहीं कर सकता। 17 अगस्त के ट्वीट में महबूबा ने लिखा, "जम्मू-कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने का भारत सरकार का निर्णय, पहले संतुलन को भाजपा के पक्ष में झुकाने के लिए हुआ। अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देने से चुनाव परिणामों को प्रभावित करना स्पष्ट हो गया है। असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर सख्ती से शासन करना जारी रखना है।"
GOIs decision to defer polls in J&K preceded by egregious gerrymandering tilting the balance in BJPs favour & now allowing non locals to vote is obviously to influence election results. Real aim is to continue ruling J&K with an iron fist to disempower locals. https://t.co/zHzqaMseG6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 17, 2022
22 अगस्त को All Party Meeting
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) चीफ फारूक अब्दुल्ला ने JK Voting Rights के फैसले पर सोमवार सुबह 11 बजे अपने आवास पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में चुनाव आयोग द्वारा बाहरी लोगों को केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति देने के संबंध में भविष्य की रणनीति और कार्रवाई पर चर्चा होगी। NC प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा, "सीईओ ने जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता के रूप में जोड़ने की घोषणा की है। इस संबंध में डॉ फारूक अब्दुल्ला ने 22 अगस्त (सोमवार) को अपने आवास पर सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting alias APM) बुलाई है।" डार ने कहा कि अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों से बात की है और उन्हें बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
क्या है JK Voting Rights का फैसला
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदेश कुमार (CEO Hirdesh Kumar) के अनुसार, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार मतदाता सूची में विशेष सारांश संशोधन होगा। इसके बाद, जम्मू-कश्मीर को बाहरी लोगों सहित लगभग 25 लाख अतिरिक्त मतदाताओं को वोटिंग राइट्स मिलने की संभावना है।
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